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सोशल मीडिया प्रोफाइल का आधार कार्ड से लिंक होने के मामले पर जल्द हो फैसला-सुप्रीम कोर्ट

शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से जोड़ने संबंधी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित किए जाने संबंधी फेसबुक की याचिका पर केंद्र सरकार, गूगल, ट्विटर, यूट्यूब और अन्य से मंगलवार को जवाब तलब किया। गौरतलब है कि सोशल साइट्स पर यूजर प्रोफाइल को आधार से जोड़ने के मामले में चार याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें दो मद्रास उच्च न्यायालय तथा एक-एक मध्य प्रदेश और बॉम्बे उच्च न्यायालयों में दायर की गई हैं। फेसबुक ने इन सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया है। आगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में उसे 24 सितंबर तक सूचित किया जाए कि क्या केंद्र सोशल मीडिया को विनियमित करने के लिए किसी नीति निर्धारण के कदम या आधार के साथ लोगों के अकाउंट को लिंक करने पर विचार कर रहा है नहीं।

आपको बता दें कि इससे पहले व्हाट्सऐप की तरफ से कहा गया था कि नीतिगत मामले सुप्रीम कोर्ट कैसे तय कर सकता है। यह संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। दूसरी तरफ फेसबुक ने इसे निजता का मामला बताते हुए दलील दी थी कि सभी मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित किया जाए। पीठ ने यूजर प्रोफाइल को आधार से जोड़ने की सुनवाई मद्रास उच्च न्यायालय में जारी रखने की अनुमति तो दे दी, लेकिन अंतिम फैसले पर रोक लगा दी थी।

फेसबुक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का कहना था कि केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके सोशल मीडिया के बारे में उसका पक्ष पूछा जाना चाहिए। इस पर एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले को लेकर मद्रास उच्च न्यायालय में 18 दिनों तक सुनवाई हुई है, वहां फेसबुक की तरफ से कहा गया था कि वह उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को मानता है। वेणुगोपाल की दलील थी कि हर उस तरह के संदेश को अपराध की श्रेणी में डाला जाना चाहिए जिससे उकसावे का आभास हो।

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा, ‘इस समय हमें नहीं मालूम कि क्या हम इस मुद्दे पर निर्णय कर सकते हैं या उच्च न्यायालय फैसला करेगा।’ पीठ ने यह भी कहा कि वह इस मामले के गुण दोष पर गौर नहीं करेगी और सिर्फ मद्रास, बंबई और मप्र उच्च न्यायालयों में लंबित ऐसे मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की फेसबुक की याचिका पर निर्णय करेगी।

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