उत्तर प्रदेशस्वास्थ्य

सीफार के सहयोग से आयोजित हुआ टाक शो, मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स ने व्यक्त किए विचार

बच्चों को सही पोषण मिले इसके लिए जरूरी है उन्हें अलग से कटोरी और चमच्च से आहार दिया जाये । मां-बाप के लिए यह अनुमान लगाना कठिन होता है कि बच्चे को पर्याप्त आहार मिला या नहीं। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी जफर खान का। वह नगर स्थित एक होटल में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रीसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित टाक शो को संबोधित कर रहे थे।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि आजकल मोबाइल की उपयोगिता बढ़ी लेकिन बच्चों को आहार देते समय माताओं को मोबाइल से दूर रहना चाहिए। ताकि वह बच्चे की पसंद और नापसंद को समझ सकें। साथ ही उन्होने कहा कि ऊपरी आहार के नाम पर बाजार में मिल रहे रेडीमेड उत्पादों को कम उपयोग करें।

कानपुर मेडिकल कालेज के बाल रोग के विभगाध्यक्ष डॉक्टर यशवंत राय ने बताया कि हर मां के स्तन के आकार अलग हो सकता है लेकिन दूध सबसे बराबर मात्रा में ही स्रवित होता है। इसलिए हर मां को दो साल तक अवश्य स्तनपान कराना चाहिए। साथ ही हर मां को छह माह बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार जरूर देना चाहिए। बच्चे का वजन बढ़ रहा है और वह 24 घंटे में 6 से 8 बार अगर पेशाब कर रहा है तो मां को समझ लेना चाहिए कि उसे पर्याप्त मात्रा में दूध बन रहा है। इस मां को छह माह तक अपना दूध ही पिलाना चाहिए।

मेडिकल कालेज की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संगीता ने बताया कि प्रसव के बाद मां को एक घंटे के अंदर अपना ही पीला गाढ़ा दूध पिलाना चाहिए। क्योंकि उसमें कोलेस्ट्रम होता है जो बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है। बच्चे को छह माह से पहले पानी भी नहीं पिलाना चाहिए। क्योंकि स्तनपान से उसे पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहता है।

बाल विकास पुष्टाहार अधिकारी अनामिका सिंह ने प्रोजेक्टर के जरिये एक हजार दिन के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने पोषण के 5 सूत्रों का भी जिक्र किया जिसे अपनाने से बच्चे का पूर्ण विकास संभव है।

यूनिसेफ के मंडलीय सलाहकार आशीष शुक्ला ने बताया कि ऊपरी आहार देते समय बच्चों को कहानी सुनानी चाहिए। इससे रोचकता बढ़ती है और बच्चा भरपेट भोजन भी कर लेता है। बच्चे को कटोरी और चम्मच से खाने की आदत डालनी चाहिए।
परामर्शदाता सीमा जैन ने ऊपरी आहार का महत्व बताते हुये कहा कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क निवास करता है।
इस अवसर शहर द्वितीय परियोजना क्षेत्र की कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और लाभार्थी मौजूद रहीं। आयोजन के दौरान शिशुओं का अन्नप्रासन और गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गई।

मकड़ी खेड़ावासी लाभार्थी आरती कुशवाहा 24 वर्ष ने बताया कि टीकाकरण के बारे में जानकारी नहीं थी लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र से पूरी जानकारी मिली। अब मैं समय-समय पर टीकाकरण करा रही हूँ।
मकड़ी खेड़ावासी लाभार्थी गर्भवती पूनम ने बताया कि मुझे हरी सब्जियों के महत्व की पूरी जानकारी आंगनबाड़ी केंद्र से ही मिली। अब मैं नियमितरूप से हरी सब्जियां खा रही हूँ।

कटोरी चम्मच के फायदे

● बच्चे को प्रयाप्त मात्रा मे आहार मिलता है
● बच्चे के लिए अलग से पौष्टिक आहार बनाकर दिया जा सकता है
● बच्चे ने कितनी बार आहार लिया इसकी जानकारी रहती है
● बच्चे को सही समय पर आहार मिलता है

छह माह के बच्चे को क्या खिलाएँ

● माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार भी दे इसके लिए घर का बना हुआ मसला और गाढ़ा ऊपरी आहार जैसे कद्दू, लौकी, गाजर, पालक, दाल और यदि मांसाहारी हैं तो अंडा, मांस व मछली भी देना चाहिए

● बच्चे के खाने मे ऊपर से 1 चम्मच घी, तेल या मक्खन मिलाएँ

● बच्चे के खाने मे नमक चीनी और मसाले कम डालें
● बच्चे का खाना रुचिकर बनाने के लिए अलग अलग स्वाद व रंग शामिल करना चाहिए
● बच्चे को बाज़ार का बिस्कुट,चिप्स मिठाई नमकीन और जूस जैसी चीजें न खिलाएँ इसमे बच्चे को सही पोषक तत्व नहीं मिल पाते ।

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