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आज से मुंबई में पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक के स्कूल खुले

मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर पीक पर जाने के बाद मामलों में गिरावट दिखाई दे रही है. कोरोना के मामलों में गिरावट के मद्दे नजर आज से मुंबई में स्कूल खोल दिए गए हैं. 20 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार ने ये एलान किया था कि पूरे राज्य में स्कूल खोले जा सकते हैं.

हालांकि इसका आखिरी फैसला जिला अधिकारियों व निगमों पर छोड़ा था. आज से मुंबई में पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक के स्कूल खुल गए हैं. स्कूल खुलने से जहां छात्रों के माता-पिता थोड़ी चिंता में हैं, वहीं छात्रों में स्कूल खुलने को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.

स्कूल खुलने को लेकर वडाला के एक छात्र ने कहा, ”वापस आकर बहुत अच्छा लग रहा है. हम सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए.”

बीते दो साल में मुंबई में लगातार स्कूलों को कोरोना के चलते बंद किया जाता रहा है. कोरोना को लेकर सबसे पहले साल 2020 में 20 मार्च को स्कूलों को बंद किया गया था. इसके बाद स्कूल एक साल से भी ज्यादा समय के लिए बंद रहे. कोरोना की पहली और दूसरी लहर बीत जाने के बाद स्कूलों को 4 अक्टूबर 2021 को खोला गया.

इस दौरान स्कूलों को आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक केलिए ही खोला गया था. कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट को देखते हुए 15 दिसंबर 2021 को पहली से लेकर 7वीं तक के स्कूलों को भी खोल दिया गया.

लेकिन एक बार फिर कोरोना के मामलों में फिर तेजी दर्ज की जाने लगी और 3 जनवरी 2022 को फिर से स्कूलों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. अब 24 जनवरी 2022 को फिर से एक बार मुंबई में पहली से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया है.

एक सर्वे में हुए खुलासे में पता चला है कि महाराष्ट्र में 62 प्रतिशत पैरेंट्स अभी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते. ये सर्वे एक लोकल कंपनी ने किया है जिसमें करीब पांच हजार अभिभावकों ने अपनी राय पेश की है.

महाराष्ट्र की सर्वे करने वाली एक कंपनी लोकल सर्कल ने 4976 लोगों पर सर्वे किया और ये सामने आया कि करीब 62 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों को फिलहाल स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं. इस सर्वे में 67 प्रतिशत पुरुष और 33 प्रतिशत महिलाएं शामिल हुए थे.

सर्वे में सामने आयी रिपोर्ट की अगर बात करें तो सर्वे में 62 फीसदी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं पाए गए. 11 फीसदी ने हां कहा, तो वहीं 16 फीसदी ने बताया कि वह अपने बच्चों को पहले से ही स्कूल भेज रहे हैं. 11 फीसदी लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी कोई भी राय नहीं दी.

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