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मुख्यमंत्री का विधान सभा में सम्बोधन

  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महर्षि वेदव्यास ने मातृशक्ति के विषय में कहा था कि ‘नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राणं, नास्ति मातृसमा प्रिया।’ अर्थात् माता के तुल्य कोई छाया नहीं, माता के तुल्य कोई सहारा नहीं, माता के सदृश कोई रक्षक नहीं तथा माता के समान कोई प्रिय वस्तु नहीं है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति के प्रति यह भाव सभी नागरिकों के मन में आ जाये तो, कुछ भी असम्भव नहीं है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान सभा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विधान मण्डल में आज का दिन महिला सदस्यों के लिए आरक्षित किया गया है। देश का सबसे बड़ा विधान मण्डल आज एक इतिहास बनाने की ओर अग्रसर है। सदन की महिला सदस्यों को प्रदेश की समस्याओं और उपलब्धियों एवं अन्य समसामयिक मुद्दों को इस सदन में रखने का अवसर प्राप्त होगा। आजादी के 75 वर्ष के बाद आधी आबादी की आवाज इस सदन के माध्यम से प्रदेश की 25 करोड़ जनता तक पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री जी ने विधान सभा अध्यक्ष से आज के दिन के लिए विधान सभा की महिला सदस्य को पीठासीन अधिकारी बनाये जाने की चर्चा में, नियमों व समय की बाध्यता को शिथिल किये जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि यदि महिला सदस्यों द्वारा किसी समस्या या योजना से सम्बन्धित कोई सकारात्मक सुझाव आता है, तो प्रदेश सरकार उस पर उचित कार्यवाही करेगी। विधान सभा की कार्यवाही में जो कुछ बोला जाता है, वह दस्तावेज के रूप में संजोकर रखा जाता है। चर्चा का प्रकाशन कर संसद एवं प्रत्येक राज्य की विधान सभा मंे भेजे जाने का सुझाव भी दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत दुनिया मंे सबसे बड़ा लोकतंत्र है। संविधान निर्माताओं ने भारत के प्रत्येेेेक वयस्क महिला एवं पुरुष को बिना भेदभाव के मताधिकार दिया है। सभी को इस पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि भारत में पहले सामान्य निर्वाचन से ही महिला एवं पुरुष दोनों को अपना मत देने का अधिकार मिला है। इंग्लैण्ड और अन्य देशों को यह अधिकार बाद में मिला। यह भारतीय लोकतंत्र की ताकत का एहसास दुनिया को कराता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वैदिक काल में वैदिक ऋषियों के साथ ही ब्रह्मवादिनी ऋषि पुत्रियों एवं पत्नियों ने अनेक ऋचाआंे एवं सूक्तों की रचना की थी। भारत आज जिस वैवाहिक परम्परा को अपनाता है। उस विवाह सूक्त की रचना विदुषी सूर्या सावित्री के द्वारा की गई थी। वेदों को रचने वाली ब्रह्मवादिनी घोषा, लोपामुद्रा, अपाला आदि महिलाओं ने देश को एक दिशा व संस्कार एवं एक नई गति दी है। माता शकुन्तला, अनुसूईया, दमयन्ती, गार्गी, सावित्री, रुक्मणि, सीता, द्रौपदी, अहल्या समेत अनेक ऐसी महिलाओं ने वैदिक एवं रामायण कालखण्ड में अपने नेतृत्व क्षमता से समाज को नई दिशा दी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने उद्घोष किया कि मैं अपनी झांसी हरगिज नहीं दूंगी। रानी लक्ष्मीबाई ने लड़कर ब्रिटिश हुकूमत को पीछे हटने को मजबूर किया था। इनके साथ अनेक वीरांगनाओं ने भी प्रथम स्वातंत्र्य समर में अपने नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत का सामना किया था। प्रदेश का प्रत्येक वासी इस बात पर गौरव की अनुभूति करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सदन की प्रत्येक महिला सदस्य को मिशन शक्ति से सम्बन्धित एक पत्रक प्रेषित किया गया है। इस पत्रक में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण, महिला सम्मान, सुरक्षा, स्वावलम्बन से सम्बन्धित मुद्दों एवं उन पर उठाए गए कदमों का वर्णन है। इसमें महिला कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में भी कदम बढ़ाए गये हैं। पोषण मिशन के साथ ग्रामीण आजीविका मिशन की बहनों को जोड़ा गया है। गांव में राशन की उचित दर की दुकान पर विवाद की स्थिति में कोटे के संचालन का कार्य गांवों की महिला स्वयंसेवी सहायता समूह की सदस्यों को दे दिया जाता है। प्रदेश सरकार द्वारा बी0सी0 सखी योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों मंे बैंकिंग लेन-देन के लिए बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी तैनात की गयी हैं। यह प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में बैंकिंग लेन-देन सम्बन्धी कार्यों को संचालित कर रही हैं। प्रदेश में इस कार्य में 33,000 से अधिक बहनें कार्यरत हैं। इस व्यवसाय के माध्यम से जनपद सुलतानपुर की एक बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी बहन सालाना 03 लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर रही है। यह महिला स्वावलम्बन का एक उदाहरण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि झांसी, बुन्देलखण्ड में वर्ष 2019 में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बलिनी दुग्ध उत्पादक संघ प्रारम्भ किया गया था। इस संगठन में 795 गांवों की लगभग 41 हजार सामान्य महिलाएं 1,35,000 लीटर दूध का प्रतिदिन उपार्जन कर रही हैं। इनका वार्षिक टर्नओवर 149 करोड़ रुपये है। इनका शुद्ध लाभ 13.5 करोड़ रुपये है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाये गये कदम का उदाहरण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मिशन शक्ति के अन्तर्गत सभी थानों मंे महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। प्रदेश में 10,417 महिला पुलिस बीट बनायी गयी हैं। सभी ग्राम पंचायतों के लिए महिला पुलिस बीट कर्मी की तैनाती की गई है। प्रदेश का पुलिस बल देश का सबसे बड़ा पुलिस बल है। वर्ष 1947 से 2017 तक प्रदेश के पुलिस बल में महिला पुलिस कार्मिकों की संख्या महज 10 हजार थी। आज यह संख्या बढ़कर 35 हजार हो गई है। प्रदेश सरकार द्वारा विशेष अभियान चलाकर प्रदेश मंे महिला पुलिस के कार्मिकों की भर्ती को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकी बनायी गयी हैं। प्रदेश में 1,537 सिविल पुलिस थाने तथा जी0आर0पी0 सहित कुल 1,584 थाने हैं। इन सभी थानों पर महिला हेल्पडेस्क की स्थापना की जा चुकी है। प्रदेश में 3,195 एण्टी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया गया है। इस स्क्वॉड द्वारा 06 लाख 75 हजार 143 स्थानों पर 28 लाख 33 हजार 893 लोगों की चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान किसी प्रकार का सन्देह होने पर कार्यवाही भी गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश मंे बाल एवं महिला अपराधांे में प्रभावी अभियोजन के फलस्वरूप 32 मामलों में अपराधियों को मौत की सजा दिलायी गई है। प्रदेश में महिला अपराध में लिप्त 1,191 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा, 1,431 अपराधियों को अर्थदण्ड की सजा, 1,323 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा, 3,420 अपराधियों को 10 वर्ष से कम की सजा, 4,751 अपराधियों को जिलाबदर की सजा दिलायी गयी है। एन0सी0आर0बी0 के डाटा के अनुसार विगत 05 वर्ष में महिला सम्बन्धी अपराधों में व्यापक कमी देखने को मिली है। बलात्कार में 33 प्रतिशत, अपहरण में 29 प्रतिशत, शीलभंग में 25 प्रतिशत, दहेज मृत्यु में 12 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। भ्रूण हत्या को रोकने के लिए मुखबिर योजना लागू की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से 13 लाख 67 हजार बेटियों को लाभ प्रदान किया जा रहा है। निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत 31 लाख 50 हजार महिलाओं को 1,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन राशि प्रदान की जा रही है। उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 66 लाख महिलाएं तथा मातृ वन्दना योजना के अन्तर्गत 52 लाख 55 हजार से अधिक महिलाएं लाभ प्राप्त कर रही हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 01 लाख 91 हजार से अधिक जोड़ों के विवाह में सहयोग प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले महिलाओं को दूरस्थ क्षेत्रों से जल लाना पड़ता था। वर्तमान में हर घर नल योजना के माध्यम से प्रत्येक घर तक जल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 02 करोड़ 61 लाख परिवारों को शौचालय का लाभ प्रदान किया गया है। यह स्वच्छता के साथ नारी गरिमा का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में इस अभियान को मिशन मोड के साथ जोड़कर सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 01 करोड़ 67 लाख से अधिक परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत रसोई गैस के सिलेण्डर उपलब्ध कराये गये हैं। 45 लाख से अधिक परिवारों को आवास की सुविधा मिलने से महिलाओं की सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। स्वामित्व योजना के माध्यम से जमीन का मालिकाना हक दिलाने का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत 40 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं। पी0एम0 स्वनिधि योजना के माध्यम से 02 लाख से अधिक महिला स्ट्रीट वेण्डर्स के स्वावलम्बन का कार्य किया गया है। यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में उठाए गये कदमों का हिस्सा है।
प्रश्नकाल के दौरान विधान सभा की महिला सदस्यों, श्रीमती आराधना मिश्रा ‘मोना’ एवं श्रीमती पूजा के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत लागत को कम करने तथा आमदनी को बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने कोरोना कालखण्ड में कैमिकल फर्टीलाइजर एवं पेस्टीसाइड्स पर सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को राहत प्रदान की है। डीजल और पेट्रोल पर वैट और एक्साइज ड्यूटी को दो बार कम किया गया है। एक समय डीजल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो चुके थे। वर्तमान में यह लगभग 89 रुपये प्रति लीटर है। प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत नियामक आयोग के साथ मिलकर किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किये गये हैं। पी0एम0 कुसुम योजना के अन्तर्गत किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराये जा रहे हैं। अभी तक लगभग 20,000 किसानों को यह सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। 30,000 सोलर पैनल के नये प्रस्ताव पर कार्यवाही चल रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में गंगा तथा यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों के 12 बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 887 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य चल रहा है। प्रदेश के 62 जनपदों में औसत से कम वर्षा हुई है। सूखा प्रभावित क्षेत्रों का 03 बार सर्वे किया जा चुका है। फसल नुकसान का आकलन कर सरकार किसानों को सहयोग प्रदान करेगी।

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