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जानें क्या होगा बदलाव, EPFO से जुड़े फैसले से बढ़ जाएगी आपकी सैलरी।

वर्तमान व्यवस्था में संगठित क्षेत्र में कर्मचारी और नियोक्ता ईपीएफ मद में हर माह मूल वेतन का 12-12 फीसद का अंशदान करते हैं। हालांकि, यह नियम हर सेक्टर पर लागू नहीं होगा। इसकी अनुमति एमएसएमई, वस्त्र और स्टार्टअप क्षेत्र की कंपनियों के लिए ही होगी।

‘इस योजना पर पिछले पांच साल से काम चल रहा है लेकिन इस सप्ताह इसे सदन के पटल पर रखा जा सकता है। हालांकि, इस कदम को अर्थव्यवस्था को सुस्ती के चंगुल से निकालने के लिए घरेलू खपत बढ़ाने वाली पहल के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं के अंशदान से हर साल ईपीएफओ के पास 1.3 ट्रिलियन रुपये जमा होते हैं।

‘लाइव मिंट’ ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि ‘सेक्टर के आधार पर ईपीएफओ में कर्मचारियों का अंशदान 9-12 फीसद के बीच रह सकता है। इस नए नियम से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी बेहतर हो जाएगी।’

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