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मुख्यमंत्री के फरमान का भी अफसरों कोई पर असर नहीं…

जल निगम द्वारा प्रतापगढ़ में पिछले साल 766.42 करोड़ की परियोजनाओं के कराए गए निर्माण कार्य की जाच करने के मुख्यमंत्री के फरमान का असर अफसरों पर फिलहाल नहीं पड़ा है। शासन से टीएसी गठित होने पर भी डेढ़ महीने बाद जाच अधिकारी नहीं आ सके हैं।

नए वित्तीय वर्ष में जलनिगम के निर्माण कार्यो की जाच शुरू की गई तो अप्रैल महीने में पहली बार डीएम शभु कुमार ने ग्राम पेयजल समूह परियोजना पूरे रायजू में घपला पकड़ा। इसके बाद डीएम ने जलनिगम की सभी पेयजल परियोजनाओं की जाच कराने का जिम्मा सीडीओ को सौंप दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 अप्रैल को विकास कार्यो की समीक्षा करने आए तो जनप्रतिनिधियों ने जल निगम के घपलों को प्रमुखता से उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने दोषी अफसरों को गिरफ्तारी का फरमान सुना दिया।

मुख्यमंत्री के जाने के बाद शासन ने टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी (टीएसी) का गठन करके वित्तीय वर्ष 2017-18 में 766.42 करोड़ की लागत से बनी चार पेयजल परियोजनाओं की जाच का जिम्मा सौंप दिया। कमेटी में प्राविधिक परीक्षक महराजगंज, प्राविधिक परीक्षक इलाहाबाद, प्राविधिक परीक्षक सोनभद्र को रखा गया है।

अफसरों की लापरवाही का आलम यह है कि मुख्यमंत्री के फरमान के बाद भी आज तक टीएसी के जाच अधिकारी नहीं आ सके हैं। हालाकि टीएसी के जाच अधिकारियों के आने की भनक को लेकर जलनिगम के अफसरों में खलबली मची है।

इन परियोजनाओं की होनी है जाच

बाबूपुर -स्वीकृति राशि-402.40 लाख, अवमुक्त राशि-297.44 लाख

ढेरहना -स्वीकृति राशि-113.41 लाख, अवमुक्त राशि-86.70 लाख

खमपुर -स्वीकृति राशि-133.46 लाख, अवमुक्त राशि-118.63 लाख

पूरे रायजू -स्वीकृति राशि-117.15 लाख, अवमुक्त राशि-104.13 लाख

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वर्जन

-वित्तीय वर्ष 2017-18 की चार पेयजल परियोजनाओं की जाच के लिए शासन ने टीएसी गठित किया है। अभी तक टीएसी के जाच अधिकारी नहीं आ सके हैं।

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