दिल्ली एनसीआर

दो दिनों की हल्की बारिश से दिल्ली-एनसीआर को राहत, AQI में हुआ सुधार

दिवाली से पहले और फिर बाद में 7 नवंबर से लगातार जहरीली हवा से जूझ रहे दिल्ली के साथ एनसीआर के लोगों को भी थोड़ी राहत मिली है। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो दिनों से रुक-रुक हो रही बारिश के चलते बेहद खतरनाक चल रहा एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गिरा है। दिल्ली के लोधी रोड इलाके में बृहस्पतिवार को पीएम 10 का स्तर 202 रहा, जबकि पीएम 2.5 का स्तर 209 तक आ गया। इसे खराब श्रेणी में माना जाता है, लेकिन तुलनात्मक रूप से इसे काफी राहत वाला माना जा रहा है। जानकारों की मानें तो यह फौरी राहत है, जैसे ही बारिश की असर खत्म होगा प्रदूषण फिर पुराने हालात में पहुंच जाएगा। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार को हालात कमोबेस बुधवार की तरह ही रहेगा, दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। 

बारिश ने तोड़ी प्रदूषण की अकड़

आखिरकार मंगलवार रात की बारिश ने दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण की अकड़ तोड़ ही दी। तमाम उपाय अपनाने के बाद भी जो एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) दिवाली के बाद से लगातार खतरनाक श्रेणी में 400 के आसपास या इससे ऊपर चल रहा था, बुधवार को 350 से भी नीचे आ गया। हालांकि पूर्वानुमान के अनुसार यह राहत लंबे समय के लिए नहीं है। बृहस्पतिवार से ही ढिठाई दिखाते हुए प्रदूषण फिर बढ़ना शुरू हो जाएगा। सप्ताहांत से स्मॉग भी आने लगेगा।

जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात को दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई। पिछले 24 घंटों के दौरान सफदरजंग में 7 एमएम, पालम में 3.1 एमएम, लोदी रोड में 4.9 एमएम, रिज में 3.4 एमएम, आया नगर में 4.1 एमएम और डीयू में 4 एमएम बारिश हुई। इस बारिश ने सात सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। नवंबर में अब तक 7.5 एमएम बारिश हो चुकी है। जबकि इस माह सामान्य बारिश महज 4.9 एमएम है। इससे अधिक बारिश साल 2010 में 26 एमएम हुई थी।

राहतभरा नहीं रहा नवंबर का दूसरा हफ्ता

गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में इस बार नवंबर के शुरुआती 14 दिन प्रदूषण के लिहाज से कम प्रदूषित रहे हैं, जबकि दिवाली नवंबर में ही थी। वहीं, इसकी वजह इस बार 2 बार नवंबर में वेस्टर्न डिस्टरबेंस की सक्रियता को बताया जा रहा है। इसकी वजह से प्रदूषण में काफी कमी आई।

पिछले दो साल की बात करें सबसे खतरनाक दिन दिल्लीवालों के लिए नवंबर का दूसरा हफ्ता रहा है। दोनों साल 7 से 14 नवंबर तक प्रदूषण खतरनाक स्तर में बना रहा। इसकी वजह से लोगों को बहुत परेशानी हुई। इसके बावजूद इस साल नवंबर, पिछले साल से 15 से 20 फीसद तक कम प्रदूषित रहा था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, 2 साल की तुलना करें तो नवंबर में 7 से 14 तारीख के बीच प्रदूषण सबसे अधिक रहा। पिछले साल नवंबर में एक भी दिन प्रदूषण सामान्य स्थिति में नहीं रहा था। इस साल 4 नवंबर को दिल्लीवालों ने साफ हवा में सांस ली थी। 

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