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बीसीसीआई ने रजिस्टर्ड कराया संविधान, एमपीसीए में चेयरमैन सहित कई होंगे खत्म

बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत नया संविधान चेन्नई में सोसायटी रजिस्ट्रार के पास औपचारिक रूप से पंजीबद्ध करा दिया है। अब एमपीसीए (मप्र क्रिकेट एसोसिएशन) सहित सभी राज्य क्रिकेट संघों को 30 दिन के भीतर इसी संविधान के आधार पर अपना संविधान बनाना है और इसी के आधार पर आगामी चुनाव होंगे।

संविधान को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को संविधान समिति की बैठक भी हो रही है। इसमें इसकी रूपरेखा तैयार कर साधारण सभा में पास कराकर नया संविधान रजिस्टर्ड कराया जाएगा। इसके आधार पर एमपीसीए में अगले चुनाव होंगे। नए संविधान के तहत अब सभी राज्य क्रिकेट संघों में प्रेसीडेंट, वाइस प्रेसीडेंट, सचिव, सहसचिव और कोषाध्यक्ष के पद रहेंगे। यानी एमपीसीए में चेयरमैन का पद, दो वाइस प्रेसीडेंट के पद (अभी तीन हैं), एक सहसचिव का पद (अभी दो हैं) खत्म हो जाएगा। 

कूलिंग पीरियड में आने से वर्तमान सचिव मिलिंद कनमड़ीकर, कोषाध्यक्ष प्रवीण कासलीवाल भी अगली कमेटी से बाहर होंगे। पूर्व चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व प्रेसीडेंट संजय जगदाले व अन्य एमपीसीए में नौ साल से ज्यादा विविध पदों पर रहने के कारण नए संविधान के तहत किसी भी पद के लिए राज्य क्रिकेट संघ में पहले ही अयोग्यता के दायरे में आ चुके हैं। 

आज एमपीसीए फाइनल करेगा संविधान, 1 माह के भीतर करना है लागू, सभी जानकारी वेबसाइट पर करनी होगी अपलोड 

प्रमुख प्रावधान : लगातार दो बार यानी अधिकतम छह साल ही पद पर रह सकते हैं 

1 बीसीसीआई या राज्य क्रिकेट संघ में अधिकतम नौ-नौ साल ही पद पर रहा जा सकता है। लगातार दो बार ही (अधिकतम छह साल) पद पर रहा जा सकता है। चाहे बीसीसीआई में रहे राज्य क्रिकेट संघ में या फिर दोनों को मिलाकर। इसके बाद कूलिंग पीरियड (न्यूनतम तीन साल) में जाना होगा। 

2 अब पदों के लिए अधिकतम कार्यकाल तीन साल होगा, जो अभी एमपीसीए में दो साल था। 

3 चुनाव के लिए तय एजीएम से चार सप्ताह पहले मैनेजिंग कमेटी चुनाव अधिकारी नियुक्त करेगी, जो चुनाव आयोग का रिटायर अधिकारी होगा। 

4 मंत्री, सरकारी अधिकारी, विविध स्पोर्ट संस्था का पदाधिकारी, 70 साल की उम्र पार कर चुका व्यक्ति और किसी आपराधिक मामले में दोषी करार व्यक्ति पदों के लिए अयोग्य रहेगा। 

5 सीईओ का चयन भी पारदर्शी तरीके से होगा। 

6 संस्थान की वेबसाइट रहेगी, जिस पर किसी भी खरीदी, टेंडर व अन्य प्रक्रिया की जानकारी ऑनलाइन, पारदर्शी तरीके से अपलोड करना होगी। 

7 संस्था में एथिकल ऑफिसर (जो हितों के टकराव के मुद्दे देखेगा) और औम्बड्समैन (जो विविध शिकायतों की जांच करेगा) के पद भी होंगे। यह हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के जज होंगे।

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