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किसानों को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र देने के लिए 7 से 9 फरवरी तक लगेगा शिविर

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में ऋणमाफी शिविर लगाने जा रही है. आगामी 7 फरवरी से हर जिले में ग्राम सेवा सहकारी समिति में ऐसे शिविर का आयोजन होगा. इस दौरान सहकारी बैंकों (Cooperative Bank) से जुड़े पात्र किसानों को ऋणमाफी प्रमाण पत्र का वितरण किया जाएगा. 9 फरवरी तक लगाए जाने शिविरों के लिए राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने राज्य के सभी जिला कलेक्टर को आवश्यक निर्देश भी दिया है. 

विभागीय सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव ने अपने निर्देश में कहा है कि हर जिले में 5 कैंप लगाए जाए. बताया जा रहा है कि गहलोत सरकार की इस योजना को पूरा करने में 2800 करोड़ का खर्च आएगा. लेकिन फिलहाल सरकार 1500 करोड का ऋण ही लेगी.

इसके अलावा मुख्य सचिव ने निर्देश दिए है कि समय पर किसानों का डेटा लोन वेब पोर्टल पर अपलोड हो जाए, इसके लिये जिले के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी,सांख्यिकी अधिकारी एवं सहकारिता के अधिकारियों के बीच में समन्वय सुनिश्चित किया जाये. जिला कलक्टर स्वयं अपने स्तर से रेण्डमली चैक करें और निगरानी की पुख्ता व्यवस्था करें. इसके अलावा संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर उपलब्धता के अनुसार अपने-अपने जिलों में आयोजित होने वाले ऋणमाफी शिविरों में उपस्थित रहें ताकि पात्र किसान को मिलने वाला लाभ सुनिश्चित हो सके.

बताया जा रहा है कि पात्र किसानों को समय पर सूचना मिले इसके लिये सहकारिता विभाग सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा संबंधित जिला कलक्टर के साथ तालमेल के साथ कार्य करने को कहा गया है.

मुख्य सचिव ने कहा अपने  निर्देश में कहा है, ” लोन वेब पोर्टल पर संबंधित जिले के किसानों की होने वाली डेटा एण्ट्री के लिये सभी जिला कलक्टर एसएसओ आईडी के माध्यम से जिले की प्रगति को देख सकते हैं तथा उसके अनुसार कार्य की गति को बढ़ाने के लिये सहकारिता विभाग तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग से आवश्यक सहयोग ले सकते हैं.”

उन्होंने यह भी कहा, ” सभी कलक्टर यह सुनिश्चित कर ले कि ऋणमाफी से जुड़े हुये कोई भी अधिकारी उनकी अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोडेंगे. जिस भी विधानसभा क्षेत्र में शिविर का आयोजन होना है, वहां के जनप्रतिनिधियों को भी इसकी सूचना समय पर उपलब्ध करा दी जाए. सांख्यिकी के अधिकारी शाखा के ऋण वितरण रजिस्टर से डेटा एण्ट्री का रेण्डम सत्यापन करेंगे, इसके लिये जिला कलक्टर सांख्यिकी अधिकारियों को पाबन्द करें.”

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