Main SlideUncategorizedउत्तर प्रदेशउत्तराखंडखबर 50जम्मू कश्मीरट्रेंडिगदिल्ली एनसीआरदेशप्रदेशबिहारबड़ी खबरमध्य प्रदेशविदेशवीडियोसाहित्य

चारबाग होटल आग मामले में आईएएस, पीसीएस और इंजिनियरों समेत 30 दोषी

चारबाग के होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में लगी आग के लिए आईएएस और पीसीएस अधिकारियों समेत 30 इंजिनियरों को जिम्मेदार माना गया है। सोमवार को शासन की तरफ से एलडीए को जांच रिपोर्ट की कॉपी भेजी गई। इसमें एलडीए के पूर्व संयुक्त सचिव राकेश कुमार का भी नाम शामिल है, जो इस समय अम्बेडकरनगर के डीएम हैं। वहीं पीसीएस वीरेंद्र पांडेय को भी जांच में दोषी बताया गया है, जिनके पास उस समय न्यायिक विहित प्राधिकारी का चार्ज था। इसके अलावा चारबाग योजना में पिछले पांच वर्ष से तैनात इंजिनियरों को भी जिम्मेदार माना गया है।

आरोपितों पर बुधवार को एलडीए सख्त फैसला ले सकता है। इसके लिए हादसे के जिम्मेदार बताए जा रहे ऐसे इंजिनियर, सुपरवाइर, मेठ और नोटिस सर्वरों की पहचान शुरू हो गई है, जो अभी एलडीए में ही तैनात हैं। सूत्रों के मुताबिक आरोपी बनाए गए अधिकारी और इंजिनियरों पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेज दिया जाएगा, जबकि एलडीए में कार्यरत कर्मचारियों को नए सिरे से नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।

मामले की जांच कर रहे एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने अपनी जांच रिपोर्ट पिछले सप्ताह ही शासन को भेज दी थी। इसके बाद 27 जून को आवास विभाग में इसे लेकर बैठक हुई, जिसमें एलडीए के तहसीलदार राजेश शुक्ला शामिल हुए थे। इसके बाद जांच रिपोर्ट की कॉपी वित्त नियंत्रक राजीव कुमार को भेज दी गई। उन्होंने इसमें शामिल इंजिनियरों की नए सिरे से पहचान के लिए चीफ इंजिनियर को रिपोर्ट भेज दी।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक अवर अभियंता गजराज सिंह यादव, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता डीसी यादव, अवर अभियंता पीके वर्मा, शिव शंकर सिंह, मोहनचंद सती, सतीश चंद्र, पीएन पांडेय, अब्दुल रऊफ और अनिल कुमार सिंह के अलावा सुपरवाइजर राम पाल, हरिनाथ, शिव प्रसाद तिवारी और श्रीराम कश्यप, पेशकार बालकराम और अवर वर्ग सहायक महेंद्र प्रताप के खिलाफ कठोर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। आरोपित बनाए गए सभी अधिकारी और इंजिनियरों के ऊपर शासन स्तर से ही कार्रवाई होनी है, क्योंकि इन सभी की नियुक्ति शासन से ही होती है। हालांकि इनमें से ज्यादातर इंजिनियर या तो रिटायर हो चुके हैं या फिर उनका तबादला हो चुका है।

ध्वस्तीकरण का आदेश दबाए बैठे रहे

आवासीय प्लॉट पर बने होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल को गिराने का आदेश पांच साल पहले ही हो चुका था। इसके बावजूद इंजिनियर आदेश दबाए बैठे रहे। होटल अवैध तरीके से चलता रहा। इस बीच पिछले साल हुए हादसे में डेढ़ साल की मासूम बच्ची समेत सात लोगों की मौत होने के बाद इस गड़बड़ी से पर्दा उठा।

Related Articles

Back to top button