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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्रगति पर

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रगति निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गतिमान है। वर्तमान में 65 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति हो चुकी है।

इसके निर्माण से प्रदेश का पूर्वांचल क्षेत्र आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी से सीधे जुड़ जायेगा,

वहीं दूसरी ओर एक्सप्रेस-वे के किनारे पूर्वांचल क्षेत्र को औद्योगिक/व्यवसायिक गतिविधियों से आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी। सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण कार्य हेतु वित्त संस्थाओं से लिये गये ऋण पर देय ब्याज हेेतु 107.42 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
यह जानकारी औद्योगिक विकास विभाग से प्राप्त हुई है। उल्लेखनीय है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण 240.82 कि0मी0 लम्बाई में यूपीडा के माध्यम से ई0पी0सी0 पद्धति पर किया जा रहा है।

एक्सप्रेस-वे का प्रारम्भ बिन्दु लखनऊ-सुल्तानपुर रोड़ (एन0एच0 731) पर स्थित ग्राम चांद सराय, लखनऊ से प्रारम्भ होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 कि0मी0 पूरब में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31 पर स्थित ग्राम हैदरिया पर समाप्त होगा। परियोजना से आच्छादित जनपद लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुलतानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 06 लेन चैड़ा (08 लेन विस्तारणीय) तथा संरचनाएं 08 लेन चैड़ाई की बनायी गई हैं, जिसमें एक ओर 3.75 मीटर चैड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जा रही है। परियोजना के मेन कैरिज-वे पर 07 आरओबी, 07 दीर्घ सेतु,

113 लघु, 11 इण्टरचेंज (टोल प्लाजा सहित) 06 रैम्प प्लाजा, 266 अण्डरपास तथा 500 पुलियों का निर्माण प्रगति पर है। एक्सप्रेस-वे पर आपात स्थिति में वायु सेना के लड़ाकू विमानों की लैण्डिंग/टेकआफ के लिए अयोध्या में 3.2 किमी0 हवाई पट्टी का निर्माण प्राविधानित है।

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