बिहार

बीच सड़क पर अचानक आया बाघ, जान बचाकर भागे लोग

बीच सड़क पर अचानक बाघ देखकर लोगों की सांसें फूल गईं। राहगीर जान बचाकर भागे। ट्रैफिक रुक गई। बाघ तो करीब आधे घंटे बाद चला गया, लेकिन स्थिति समान्‍य होने में घंटों लग गए। घटना बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित रामनगर प्रखंड की है।

रिहाइशी इलाके में आ गया बाघ

मिली जानकारी के अनुसार रामनगर में इन दिनों एक बाघ भटककर रिहाइशी इलाके में आ गया है। बीती शाम वह झाडिय़ों से निकलकर अचानक मठिया व दुबौलिया के बीच सड़क पर आ गया। उसकी दहाड़ सुनकर राहगीर जान बचाकर भागे। बाघ करीब आधे घंटे तक सड़क पर खड़ा रहा। इस दौरान वाहनों का परिचालन भी ठप हो गया।

यहां छिपे होने की है आशंका

इसके बाद बाघ चला गया। उसे दोबारा काला कुम्हिया गांव निवासी ललन यादव के चमरडीहा बडग़ांव स्थित खेत में देखा गया।  उसे इसी गांव स्थित भीमल बांसफोड़ के घर के पास भी देखा गया। बाद में बाघ मिठुआ सरेह में घुस गया। फिलहाल उसके इलाके के गिद्धा सरेह में छिपे होने की आशंका है।

खोज जारी, लोगों में दहशत

जंगल से निेकलकर बाघ के इस तरह रिहाइशी इलाकों में आने से मठिया, दुबवलिया, फुलकौल, मेघवल आदि गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों को खुद व अपने जानवरों की चिंता सता रही है। इस बाबत चिउटाहा के रेंजर रमेश श्रीवास्तव ने कहा कि बाघ की खोज में टाइगर ट्रैकर कैंप कर रहे हैं, लेकिन वह लगातार स्‍थान बदल रहा है। उन्‍होंने ग्रामीणों से झुंड में ही निकलने की अपील की।

पहले भी हो चुकीं ऐसी घटनाएं

विदित हाे कि पश्चिम चंपारण के वाल्‍मीकि टाइगर रिजर्व से बाघों के निकलकर रिहाइशी इलाकों में चले आने की यह घटना नई नहीं है। ऐसी घटनाएं पहले भी होती रही हैं। बीते नवंबर में भी छठ पूजा के दौरान पश्चिम चंपारण के गौनाहा व आसपास के इलाकों में एक बाघ का आतंक छा गया था। तब बाघ से छठ व्रतियों को बचाने के लिए प्रशासन को विशेष एहतियाती इंतजाम करने पड़े थे।

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