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भाजपा ने किया पाकिस्तान का पानी रोकने का ऐलान,

भारत ने पड़ोसी मुल्क को सबक सिखाने के लिए पाकिस्तान को जाने वाली अपनी तीन नदियों के पानी को रोकने का बड़ा फैसला लिया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका ऐलान करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि इसका सिंधु नदी संधि से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि उनके इस फैसले पर कांग्रेस ने पटलवार किया है। नदी का पानी रोकने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने एक ट्वीट किया है।

मनीष ने अपने ट्वीट में भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘ राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को गुमराह करने के मामले में भाजपा किंग है। एनडीए/भाजपा सरकार का कहना है कि हम पूर्वी नदियों के प्रवाह को पाकिस्तान जाने से रोक देंगे। शाहपुर-कांडी 1999 (उझ प्रोजेक्ट) को कैबिनेट ने 2006 में पास कर दिया था। बांधों का निर्माण एक दिन में नहीं होता है, लेकिन भाजपा के लिए यह तथ्य सही नहीं है।’

बता दें कि उझ जम्मू-कश्मीर में रावी नदी की सहायक नदी है, इसपर सरकार बांध बना रही है। इसपर सवाल उठाते हुए मनीष तिवारी ने कहा है कि बांध एक दिन में नहीं बनता है। पुलवामा आतंकी हमले को लेकर देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। इस बीच गुरुवार को गडकरी ने कहा कि सरकार रावी, सतलज और ब्यास नदियों का पानी डैम बनाक पाकिस्तान जाने से रोकेगी। इन नदियों का प्रवाह जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ा जाएगा। शाहपुर-कांडी डैम बनाने का काम पुलवामा हमले से पहले से ही हो रहा है। अब कैबिनेट अन्य दो डैम बनाने का फैसला लेगी।’

गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले हमारे हिस्से के पानी को रोकने का निर्णय लिया है। हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिवर्तन करेंगे और जम्मू-कश्मीर व पंजाब में अपने लोगों को पहुंचाएंगे।’

बता दें कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद तीन नदियां पाकिस्तान को मिली थीं और तीन भारत को। गडकरी ने कहा कि हमारी नदियों के अधिकार का पानी भी पाकिस्तान को जा रहा था, अब हम उसपर तीन परियोजनाएं शुरू करेंगे और पानी वापस यमुना में ले जाएंगे। सिंधु जल संधि के तहत ही भारत अपनी नदियों का पानी पाकिस्तान के साथ साझा करता है।

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