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लखनऊः कंपनी खोलकर की 700 करोड़ की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

आरोप है कि सभी जेकेवी कंपनी में डायरेक्टर थे। हजारों लोगों को सस्ती प्रॉपर्टी और जमा करवाई गई रकम का सात साल में तीन गुना लौटाने का झांसा दिया गया। सात सौ करोड़ रुपये हड़पने के बाद आरोपित फरार हो गए। परेशान निवेशकों ने 10 जून 2018 को कंपनी के टेढ़ी पुलिया स्थित ऑफिस पर प्रदर्शन किया था।

लखनऊ
जेकेवी कंपनी खोलकर सस्ती प्रॉपर्टी और मोटे ब्याज का लालच देकर हजारों निवेशकों को करोड़ों की चपत लगाने के आरोपी विक्रांत त्रिपाठी को लखनऊ पुलिस ने मंगलवार को दबोच लिया। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

इंस्पेक्टर गुडंबा रितेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार जानकीपुरम के सरस्वतीपुरम निवासी विक्रांत त्रिपाठी के साथ ही अलीगंज निवासी राजेश सिंह उसकी पत्नी प्रियंका, दुर्गेश जायसवाल, दीपक शुक्ला और आशीष शुक्ला ने कंपनी खोली थी।

आरोप है कि सभी जेकेवी कंपनी में डायरेक्टर थे। हजारों लोगों को सस्ती प्रॉपर्टी और जमा करवाई गई रकम का सात साल में तीन गुना लौटाने का झांसा दिया गया। सात सौ करोड़ रुपये हड़पने के बाद आरोपित फरार हो गए। परेशान निवेशकों ने 10 जून 2018 को कंपनी के टेढ़ी पुलिया स्थित ऑफिस पर प्रदर्शन किया था।

पीड़ितों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई। बाराबंकी निवासी सोनापति गौतम और ओमकार रावत समेत कई अन्य पीड़ितों ने आरोपितों के खिलाफ तहरीर दी थी। राजेश व प्रियंका सिंह को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। फरार चल रहे विक्रांत की तलाश जारी थी। जानकीपुरम के मुलायम तिराहे के पास मौजूद होने की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर विक्रांत को दबोच लिया। बाकी आरोपितों की तलाश में छापे मारे जा रहे हैं।

पुलिस पर लगे थे गंभीर आरोप

निवेशकों ने आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी ही आरोपियों को बचाने में जुटे हैं। इसके लिए टेढ़ी पुलिया स्थित अपार्टमेंट के दो फ्लैटों की डील भी हुई थी। हालांकि रजिस्ट्री से पहले ही ईडी ने आरोपी राजेश के घर समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। इससे पुलिस अधिकारियों की मंशा पर पानी फिर गया। ईडी की पड़ताल में करीब एक हजार निवेशकों से 700 करोड़ से अधिक की ठगी का खुलासा हुआ था। इसके बाद आरोपित फरार हो गए थे।

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