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लखनऊ को 17 अरब से चमकाएगा नगर निगम, इन विकास कार्यों पर होगा जोर

लखनऊ को नगर निगम करीब 17 अरब रुपये से चमकाएगा। इससे शहर की खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत, पार्कों के सुंदरीकरण और शहर में साफ-सफाई के काम होंगे।

निगम ने इस बार आय और व्यय में कटौती करते हुए शहर के विकास पर 16.87 अरब रुपये खर्च करने का फैसला किया है। हालांकि, यह पिछली बार की तुलना में कम है। पिछले वर्ष 19.19 अरब रुपए खर्च करने का बजट पेश हुआ था। इस बार लाभ भी घटकर महज 57.45 लाख रुपए हो गया है।

फरवरी में कार्यकारिणी में पेश हुए वर्ष 2019-20 के बजट को स्वीकृति प्रदान करने के लिए रविवार को नगर सदन बुलाया गया था। रविवार को सदन में जो बजट पेश हुआ उसमें 1745.80 करोड़ रुपये आय के सापेक्ष 1708.23 करोड़ रुपये व्यय का प्रावधान था। सदन के सदस्यों ने पहली बार बजट पर एक-एक बिंदु पर चर्चा की।

आय के कई मदों में कटौती: आय के कई मदों को काल्पनिक बताते हुए उसमें कटौती कर दी। इसके साथ ही अनावश्यक व्यय में कटौती का प्रस्ताव दिया। प्रस्ताव पर 110 पार्षदों में 75 ने हस्ताक्षर किए। सदन ने संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए बजट को पास कर दिया।

पार्षदों को अब वार्ड विकास के लिए मिलने वाली धनराशि का संशय भी समाप्त हो गया। अब उन्हें नगर निगम निधि से ही 95 लाख रुपये व जीएसटी का भुगतान होगा।

स्वच्छता पर जोर

लखनऊ को चमकाने में सबसे ज्यादा जोर स्वच्छता पर दिया गया है। जलभराव व स्वच्छता के मद में 189 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। हालांकि यह पिछली बार से कम है।

सड़कों के लिए 100 करोड़

शहर की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए नगर निगम इस बार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगा। जबकि पांच करोड़ रुपये से नई सड़कों का निर्माण होगा। रोड कटिंग की सड़कों को बनाने के लिए दस करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मलिन बस्तियों के लिए दस करोड़ का प्रावधान है।

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