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शी जिनपिंग ने आर्थिक खतरों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने का संकल्प जताया

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2019 के प्रमुख आर्थिक खतरों से पार पाने के लिए कड़े उपाय करने का शनिवार को संकल्प जताया. उल्लेखनीय है कि मुख्य रूप से अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के चलते चीन की अर्थव्यवस्था में लगातार नरमी आ रही है.

अमेरिका ने चीन के 250 अरब डॉलर मूल्य के सामानों पर ऊंचा आयात शुल्क लगाया है. इसके जबाव में चीन ने भी अमेरिका के 110 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाया है. 

हालांकि, नवंबर में ब्यूनस आयर्स में आयोजित जी20 सम्मेलन के मौके पर जिनपिंगऔर उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक समझौता हुआ. इसके तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे के आयात पर ऊंचा शुल्क लगाने के निर्णय को मार्च तक टालने पर सहमति जताई.

व्यापार युद्ध के कारण आर्थिक मोर्चे पर नरमी का सामना कर रहे चीन ने अमेरिकी सामानों का आयात और निवेश बढ़ाने के उपाय करने का संकल्प प्रकट किया है. ऐसा दोनों देशों के बीच 375 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने की अमेरिकी मांग को देखते हुए किया जाएगा. इन उपायों को लागू करने की समयसीमा एक मार्च, 2019 तक है.

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संबोधित करते हुए शी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा लाये गए सुधारों से 2018 में चीन के लोगों की जिंदगी में अधिक खुशहाली आई है और सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है.

सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की खबर के मुताबिक शी ने वर्ष 2019 में आपूर्ति पक्ष के संरचानत्मक ढांचे में सुधार की जरूरत पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि प्रमुख खतरों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाये जाएंगे, लक्ष्य तय करके गरीबी उन्मूलन का काम किया जाएगा, प्रदूषण को नियंत्रित किया जाएगा और सतत एवं बेहतर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा.

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