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जम्मू जिले में बढ़े कोरोना के मामले व ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग को किया तेज

प्रशासन ने करोना से निपटने के लिए अब ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग को तेज कर दिया है. जिसके लिए सब डिविजन टास्क फोर्स का गठन किया गया है. गौरतलब है कि जम्मू में कोरोना संक्रमण से मारे जा रहे लोगों के लगतार बढ़ते आंकड़े ज़िला प्रशासन के लिये सरदर्द बना हुआ हैं.

जम्मू जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले और इस महामारी से मारे जा रहे लोगों के बढ़ते आंकड़ों ने प्रशासन को सकते में डाल दिया है. हाल ही में जम्मू में हो रही इन मौतों का कारण जानने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी एक डॉक्टर्स की टीम जम्मू भेजी थी और जिला प्रशासन भी अपने स्तर पर इन मौतों का कारण जानने में जुटी है.

फिलहाल जो बात सामने आई है उसके मुताबिक कोरोना गांव में बड़ी तेजी से फैल रहा है और गांव में टेस्टिंग की कमी और लोगों द्वारा अपने लक्षण पाए जाने के चलते कोरोना से पीड़ित मरीज अस्पताल करीब 48 घंटे देरी से पहुंच रहे हैं.

जिसके चलते मरीजों का बचाना मुश्किल हो जाता है. जम्मू के डी एम अंशुल गर्ग के मुताबिक सभी ग्रामीण इलाकों में कोरोना ट्रस्ट को तेज कर दिया है जिसके लिए अब सब डिविजनल टास्क फोर्स का गठन किया गया है.

यह सब डिविजनल टास्क फोर्स किस तरह से ग्रामीण इलाकों में काम कर रही है यह जानने के लिए एबीपी न्यूज़ जम्मू के सीमावर्ती इलाके मे पहुंची. इस इलाके के जिस गांव में टेस्टिंग होनी थी

उस गांव में सबसे पहले पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने दबिश दी. इसके बाद गांव के मुख्य सड़क पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी और पीसीआर वैन द्वारा पूरे गांव में टेस्टिंग की घोषणा की गई.

घोषणा सुनते ही लोग घरों से बाहर आ गए और वहां मौजूद राजस्व विभाग की टीमों ने इन लोगों के नाम लिखने शुरू किया जिसके बाद वहां पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी लोगों की कोरोना जांच शुरू कर दी.

गौरतलब है कि सब डिविजनल टास्क फोर्स में स्वास्थ्य कर्मचारी राजस्व विभाग के अधिकारी और पुलिस संयुक्त रूप से काम कर रही है और प्रत्येक गांव में हर घर में टेस्टिंग को सुनिश्चित किया जा रहा है.

इस काम के लिए इलाके के चुने हुए जन प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी मदद ली जाती है. सब डिविजनल टास्क फोर्स द्वारा की गई टेस्टिंग के रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन उन गांवों को चिन्हित करती है जहां पर करोना संक्रमित मामले अधिक होते हैं

इन गांव में न केवल प्रत्येक शख्स की टेस्टिंग होती है बल्कि इन गांवों को कंटेनमेंट जोन भी घोषित किया जाता है ताकि इस गांव में फैले संक्रमण को दूसरे गांव में फैलने से रोका जाए.

इसके लिए सरकार ने एक व्यापक रणनीति तैयार की है. ग्रामीण इलाकों में सब डिविशनल टास्क फोर्स द्वारा की गई टेस्टिंग से उत्साहित जिला प्रशासन जम्मू अब अपनी टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

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