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बाढ़ नियंत्रण के लिए टीम वर्क तथा अन्तर्विभागीय समन्वय से काम किया जाए: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए टीम वर्क तथा अन्तर्विभागीय समन्वय से काम किया जाए। उन्होंने कहा कि बेहतर टीम वर्क, अन्तर्विभागीय समन्वय तथा समय से की गई तैयारियों के कारण विगत 04 वर्षों में प्रदेश में बाढ़ से बहुत ही कम जन और धन हानि हुई है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों तथा बाढ़ नियंत्रण से सम्बन्धित अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।
   मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ के प्रति अति संवेदनशील तथा संवेदनशील जनपदों में बाढ़ बचाव से सम्बन्धित तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसी आपात स्थिति से निपटने की सारी व्यवस्था पहले से की जाए। 15 जून, 2021 के बाद सभी जनपदों में बाढ़ के प्रति अलर्ट लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने सभी जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों का भ्रमण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, बाढ़ संवेदनशील स्थलों की माॅनीटरिंग के साथ-साथ पेट्रोलिंग के निर्देश भी दिए।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में बाढ़ कण्ट्रोल रूम को कार्यशील कर दिया जाए और इनमें प्रशिक्षित लोगों को निरन्तर निगरानी पर लगाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगले कुछ दिनों में माॅनसून के सक्रिय होने की सम्भावना है। अतः बाढ़ के प्रति संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करते हुए आवश्यकतानुसार राहत सामग्री के पैकेट अभी से तैयार कर लिए जाएं। उन्होंने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर प्रभावित लोगों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से फूड पैकेट उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को आवश्यकतानुसार ड्राई राशन वितरित करने के लिए अभी से राशन किट तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील तथा संवेदनशील जनपदों में नौकाओं की उपलब्धता अभी से सुनिश्चित की जाए। उपलब्ध नौकाओं की आवश्यकतानुसार मरम्मत शीघ्रातिशीघ्र करा ली जाए। बचाव कार्य के लिए बड़े और मध्यम आकार की नौकाएं ही उपयोग में लायी जाएं। छोटे आकार की नौका किसी भी दशा में इस्तेमाल न की जाए। नाविकों की धनराशि का भुगतान समय से कर दिया जाए। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए कराए गए कार्यों के लिए ठेकेदारों का भुगतान भी समय से करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ चैकियों की स्थापना, पेट्रोमैक्स की व्यवस्था के साथ-साथ तटबंधों इत्यादि की प्रभावी पेट्रोलिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की फ्लड बटालियन को भी एक्टिवेट कर डिप्लाॅय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध करायी जाए। बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों की हर सम्भव मदद की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को बाढ़ के दौरान उत्पन्न/फैलने वाले संक्रमणों तथा अन्य स्वास्थ्यजनित परिस्थितियों के मद्देनजर सभी तैयारियां करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान सर्पदंश, बिच्छू तथा कुत्ते के काटने की अनेक घटनाएं होती हैं। ऐसे में सभी जनपदों में एण्टी वेनम, एण्टी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता अभी से सुनिश्चित की जाए। सभी आवश्यक दवाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने अपर मुख्य सचिव पशुपालन को बाढ़ के दौरान पशुओं में फैलने वाले खुरपका, मुंहपका जैसे रोग की रोकथाम के लिए आवश्यक वैक्सीन का प्रबन्ध समय से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुओं के बीमार पड़ने की दशा में उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए। पशुओं के लिए आवश्यक दवाइयों का इंतजाम कर लिया जाए। पशुओं के लिए भूसे, हरे चारे, चोकर इत्यादि की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रमुख सचिव खाद्य को बाढ़ के मद्देनजर सभी जनपदों में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न/दाल इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पेट्रोल, डीजल, केरोसीन इत्यादि अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव कृषि को बाढ़ के दृष्टिगत समस्त प्रबन्धन समय से करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के लिए बीज और खाद की कमी न होने पाए। उन्होंने राहत आयुक्त को सभी तैयारियां अभी से करने के निर्देश दिए, ताकि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी ढंग से किए जा सकें और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री का वितरण किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में कई जनपदों में बारिश के आसार बन रहे हैं। इन जनपदों में गेहूं खरीद भी चल रही है। अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि गेहूं खरीद के तहत खरीदे गए गेहूं का सुरक्षित भण्डारण किया जाए, ताकि वह बारिश से भीगे नहीं। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम के दौरान आकाशीय बिजली गिरने की अनेक घटनाएं होती हैं। इस प्रकार की घटनाओं के प्रति संवेदनशील स्थलों पर समय-समय पर मौसम की जानकारी लोगों को दी जाए। साथ ही, उन्हें आकाशीय बिजली से बचाव के सम्बन्ध में जागरूक भी किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा नदियों की डेªजिंग प्रभावी ढंग से सुनिश्चित की गई है, जिससे चैनलाइजेशन के कारण पानी ठीक से बह रहा है। उन्होंने आवश्यकतानुसार डेªजिंग कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने डेªजिंग के कारण नदियों से निकलने वाली बालू का त्वरित गति से आॅक्शन कराने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इससे प्राप्त धनराशि को डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड में जमा किया जाए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने मौसम विभाग के अधिकारियों से माॅनसून की अब तक की प्रगति तथा भविष्य में बारिश की सम्भावनाओं के विषय में भी जानकारी प्राप्त की।
बैठक में विचार व्यक्त करते हुए जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री जी को पूरे प्रदेश में बाढ़ नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों के सम्बन्ध में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नदियों की प्रभावी ढंग से डेªजिंग की गई है, ताकि पानी का निर्बाध बहाव बना रहे और जगह-जगह पर कटान न हो। आवश्यकतानुसार तटबंधों की मरम्मत तथा निर्माण का कार्य भी कराया गया है। गांवों में डेªन्स की भी सफाई की गई है, ताकि वाॅटर फ्लो ठीक से हो सके। टूटी हुई पुलियों, पुलों इत्यादि की मरम्मत भी करायी जा रही है।  
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी के समक्ष अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाढ़ पूर्व तैयारियों के प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रबन्धन में जिन विभागों द्वारा अपना-अपना योगदान दिया जा रहा है, उनमें सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत, राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन, कृषि तथा रिमोट सेंसिंग शामिल हैं। साथ ही भारत सरकार के मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग तथा केन्द्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी को अपर मुख्य सचिव सिंचाई ने अवगत कराया कि बाढ़ पूर्व किए जाने वाले कार्यों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक का आयोजन, बाढ़ परियोजनाओं के कार्यों को युद्धस्तर पर माॅनसून पूर्व पूर्ण किया जाना अथवा सुरक्षित स्तर तक सम्पादन, संवेदनशील स्थलों पर अनुरक्षण मद से कार्य कराकर स्थलों की सुरक्षा, संवेदनशील तटबंधों का चिन्हांकन कर उनका अनुरक्षण, तटबंधों की सामान्य मरम्मत एवं रखरखाव, अतिसंवेदनशील/संवेदनशील स्थलों पर रिजर्व स्टाॅक के प्रबन्धन के साथ-साथ प्रदेश में 48 बाढ़ नियंत्रण कक्षों एवं 113 बेतार केन्द्रों को निरन्तर क्रियाशील रखने का कार्य शामिल है।
बैठक के दौरान जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बलदेव ओलख, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस0 राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश चन्द्र अवस्थी, प्रमुख सचिव खाद्य श्रीमती वीना कुमारी, राहत आयुक्त श्री रणवीर प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।  

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