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गर्मियों के मौसम में मटके का पानी पिने से मिलती है राहत और अनेको फायदे जाने

पानी को स्टोर करने के लिए पहले लोग मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते थे. इसकी वजह यह भी थी कि मिट्टी के मटके में पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा रहता है. वहीं हमारे पूर्वजों को इस बात की जानकारी थी कि इसका पानी सेहत के लिए बेहतर होता है.

यह सदियों पुरानी प्रथा न केवल कांच या अन्य कंटेनरों का एक पारंपरिक विकल्प है, बल्कि अपनाने के लिए एक स्वस्थ और चिकित्सीय विकल्प भी है. गर्मियों में आपने भी कई बार मिट्टी के घडे़ या मटके का पानी पिया होगा.

आज जब रेफ्रिजरेटर का लगभग हर घर में उपयोग किया जाता है, तब मिट्टी के घड़ों का इस्‍तेमाल घट गया है. मगर सेहत के नजरिये से मिट्टी के बर्तनों में रखा पानी पीना अच्‍छा होता है. आइए जानें इसके फायदों के बारे में-

द हेल्‍थसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक मिट्टी के बर्तन में रखा पानी गले के लिए अच्छा होता है. इसलिए सर्दी, खांसी और अस्थमा से पीड़ित लोगों को फ्रिज के ठंडे पानी के बजाय मटके का पानी पीना चाहिए, क्योंकि मटके का पानी गले के लिए बेहतर होता है.

प्लास्टिक की बोतलें केवल कुछ उपयोगों के लिए होती हैं और इनमें BPA जैसे जहरीले रसायन होते हैं. ऐसे में मिट्टी के बर्तनों में पानी रखना ज्‍यादा बेहतर है. क्योंकि यह न केवल पानी को समृद्ध करता है, बल्कि यह दूषित भी नहीं होता.

अगर आप नियमित तौर पर घड़े का पानी का पीते हैं तो इससे आपका पाचन तंत्र अच्छा रहता है. प्लास्टिक की बोतल वाले पानी में प्लास्टिक की अशुद्धियां भी घुल जाती हैं. इसलिए प्लास्टिक की बोतल में रखा पानी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. मटके के पानी में बहुत सारे रोगों से लड़ने की क्षमता होती है.

बर्तन बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी खनिजों और इलेक्‍ट्रोमेग्‍नेटिक एनर्जी से भरपूर होती है. इसलिए जब आप मिट्टी के घड़े का पानी पीते हैं, तो इससे आपके शरीर को फायदा होता है.

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