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मुख्यमंत्री ने ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ पॉलिसी को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिये

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ पॉलिसी को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस कमजोर हुआ है, किन्तु अभी समाप्त नहीं हुआ। इसलिए थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्था को निरन्तर प्रभावी बनाये रखने पर बल दिया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घंटे में प्रदेश में संक्रमण के कुल 213 नए मामले आये हैं। इसी अवधि में 478 मरीज स्वस्थ होकर उपचारित हुए हैं। वर्तमान में प्रदेश में कोविड संक्रमण के कुल 4,163 एक्टिव केस हैं।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में 2,21,901 कोविड टेस्ट किये गये। प्रदेश में अब तक कुल 05 करोड़ 54 लाख 86 हजार 198 कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में रिकवरी दर बढ़कर 98.5 प्रतिशत हो गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद महोबा में आज एक भी संक्रमित मरीज नहीं है। अब तक कोरोना संक्रमित हुए सभी मरीज उपचारित होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस उपलब्धि का श्रेय जनपद के जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, निगरानी समितियों, स्थानीय प्रशासन सहित सभी जनपदवासियों को है। उन्होंने कहा कि संयम और जागरूकता का यह क्रम सतत बना रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद महोबा की यह उपलब्धि अन्य जनपदों के लिए प्रेरणास्पद है। आगामी एक सप्ताह तक अगर जनपद में संक्रमण का कोई नया केस नहीं मिलता है, तो जनपद को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने जनपद में एग्रेसिव टेस्टिंग की कार्यवाही को जारी रखने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जहां कोविड संक्रमण नियंत्रित हो रहा है वहीं, अनेक राज्यों में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके दृष्टिगत अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। प्रदेश को कोविड से सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। उन्होंने निर्देशित किया कि रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, हवाई अड्डों पर कोविड हेल्प डेस्क तथा एंटीजन टेस्ट के विशेष प्रबन्ध किये जाएं। बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। पुलिस द्वारा प्रभावी पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भीड़ न एकत्र होने पाये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साप्ताहिक बंदी की अवधि में धर्मस्थल खुले रहें। एक समय में 05 श्रद्धालुओं की उपस्थिति हो सकती है। औद्योगिक इकाइयों को भी संचालित रखा जाए। श्रमिकों-कार्मिकों को आवागमन की छूट है। कहीं भी अनावश्यक भीड़-भाड़ न हो, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन व फाॅगिंग का कार्य यथावत संचालित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज से भारत सरकार द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क कोविड वैक्सीन की सुविधा दी जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जी के प्रति आभारी है। उन्होंने टीकाकरण केन्द्रों की संख्या बढ़ाए जाने पर बल दिया। आगामी 01 जुलाई से प्रत्येक दिन 10 से 12 लाख वैक्सीन डोज लगाए जाने के लक्ष्य के अनुसार सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी की जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग के पश्चात लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने का कार्य सुचारु ढंग से संचालित रहे। कोविड-19 के लक्षणयुक्त अथवा संदिग्ध संक्रमित बच्चों को भी निःशुल्क मेडिसिन किट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। 27 जून, 2021 से जनपदों में निगरानी समितियों के माध्यम से बच्चों के लिए मेडिसिन किट वितरित की जाएंगी। उन्होंने निर्देशित किया कि इस कार्यवाही की नियमित मॉनीटरिंग की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि सभी मेडिकल काॅलेजों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) और नियोनेटल आई0सी0यू0 (नीकू) की स्थापना की जा रही है। समस्त जिला अस्पतालों और दूरदराज के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी यह सुविधा विकसित की जा रही है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि यह कार्य इसी माह पूर्ण कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि एम0एस0पी0 के तहत अब तक 12 लाख 84 हजार 381 किसानों से 55.97 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। अब तक किसानों को 9,914 करोड़ रुपये से अधिक के गेहूं मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जो भी किसान क्रय केंद्रों पर आएं उनके गेहूं की खरीद सुनिश्चित कराई जाए तथा निर्धारित समय-सीमा में किसानों को गेहूं मूल्य का भुगतान किया जाए।

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