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2022 तक प्रति व्यक्ति की आय दोगुनी करने की कोशिश में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सीआईआई-इंडिजेनाइजेशन समिट ऑन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस-2021 को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया. इस दौरान सीएम योगी ने विश्वास जताया कि इस समिट के माध्यम से ऐसे उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे,

जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उपयोगी सिद्ध होंगे. सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार विकास और समृद्धि की गति को और तेज करते हुए वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021-22 तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दोगुनी करने के लिए प्रयत्नशील है.

सीएम ने कहा कि पीएम की मेक इन इण्डिया संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह एक ग्रीन-फील्ड परियोजना है,

जो डिफेंस तथा एयरोस्पेस उद्योग के लिए ही नहीं, बल्कि परियोजना क्षेत्र में स्थापित, रक्षा क्षेत्र से सम्बन्ध न रखने वाली एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्टअप के लिए भी लाभकारी होगी.

‘इण्डिया मार्चिंग टुवड्र्स सेल्फ-रिलायन्स इन डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस’थीम पर आधारित इस समिट का आयोजन सीआईआई, यूपीडा तथा सोसाइटी ऑफ इण्डियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) द्वारा संयुक्त रूप से 28 जुलाई से 31 जुलाई, 2021 तक किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 4 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने जो पहल की है, उसने देश व दुनिया में उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में लोगों की धारणा में परिवर्तन किया है. अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हुआ है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर तथा लखनऊ में 6 नोड चिन्हित किये गये हैं. सभी 6 नोड्स में लगभग 1500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है. अलीगढ़ नोड का शिलान्यास अगस्त, 2021 में प्रस्तावित है.

सीएम ने कहा कि यूपी में एमएसएमई सेक्टर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 3 करोड़ लोग कार्यरत हैं. राज्य सरकार द्वारा इस सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना और ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना लागू की गई है.

इन योजनाओं के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं. सरकार द्वारा बैंकों से समन्वय करते हुए अब तक 70 लाख 69 हजार से अधिक इकाइयों को 02 लाख 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का ऋण उपलब्ध कराया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का लक्ष्य रखा है. इसमें यूपी की बड़ी भूमिका है. राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलनर अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करना है.

राज्य सरकार ने इस दिशा में निरन्तर प्रयास किये. परिणामस्वरूप न केवल ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में प्रदेश की रैंकिंग बढ़कर दूसरी हो गयी है, बल्कि राज्य देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.

राज्य सरकार विकास और समृद्धि की गति को और तेज करते हुए वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021-22 तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दोगुनी करने के लिए प्रयत्नशील है.

सीएम ने कहा कि सरकार सम्पूर्ण राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास करा रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है.

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी निर्माणाधीन है. ये परियोजनाएं शीघ्र पूरी हो जाएंगी. राज्य सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का भी निर्णय लिया है. यह भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे में से एक होगा.

प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र 04 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे तथा कुल 25 गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे. इस समय 8 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी,

गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, हिंडन, बरेली क्रियाशील हैं, जिनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं. ‘उड़ान योजना’ के तहत विभिन्न जनपदों में हवाई अड्डों का विकास कराया जा रहा है.

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