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ईरान ने आतंकवादियों की फंडिंग रोकने वाला पास किया बिल, दुनिया से बेहतर होंगे रिश्ते

 ईरान की संसद ने आतंकवादियों के फंडिंग पर रोक लगाने के लक्ष्य से लाए गए एक विधेयक को रविवार को पारित कर दिया. हालांकि, संसद में रूढ़िवादियों ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया. इस विधेयक को यूरोपीय और एशियाई सहयोगियों के साथ परमाणु समझौते को बनाए रखने के ईरान के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. ईरान अभी नॉर्थ कोरिया के साथ अकेला ऐसा देश है जिसे एफएटीएफ संस्था ने ब्लैकलिस्टेड किया हुआ है. खबरों के अनुसार विधेयक 120 के मुकाबले 143 वोटों से संसद में पारित हुआ.

इस साल जून में फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स एफएटीएफ ने ईरान को तीन महीने का समय दिया था कि अगर वो ये बिल पास कर ले तो उसे ब्लैकलिस्ट की सूची से निकाला जा सकता है.  गौरतलब है कि इंटरनेशनल फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स के द्वारा ईरान सरकार से चार कदम उठाने की मांग की गई है, इस बिल को पास उन्हीं मांगों को पूरा करने के लिए किया गया है.

इस बिल के बाद से आतंकवादियों की फंडिंग रोकने के विश्व में जिस तरह के कानून हैं उसी स्तर का कानून अब ईरान में भी बन गया है. अब ईरान संयुक्त राष्ट्र संघ का टेररिज्म फाइनेंसिंग कनवेंशन ट्रीटी में शामिल हो सकता है. इस ट्रीटी पर अभी तक 188 देशों ने अपनी सहमति दे दी है.

बिल पास होने के पहले बोलते हुए ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ ने कहा कि हम इस बात कि गारंटी नहीं दे सकते हैं कि इस बिल के पास होने और यूएन कन्वेंशन में जुड़ने के बाद से सारी समस्याओं का अंत हो जाएगा, लेकिन उन्होंने कहा कि इस ग्रुप में नहीं जुड़ने से निश्चित रूप से अमेरिका और समस्या ईरान के लिए खड़ा कर सकता है.

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