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व्यापम घोटाले की आरोपी डॉ. मनीषा ने किया सुसाइड, केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में हुई मौत

 खुदकुशी की कोशिश करने वाली केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की जूनियर डॉक्टर (जेआर थर्ड) डॉ. मनीषा ने तीन दिन बाद दम तोड़ दिया. ट्रामा सेंटर की वेंटिलेटर यूनिट में भर्ती मनीषा के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. मामले में जूनियर डॉक्टर की बहन ने ट्रामा सर्जरी विभाग में कार्यरत जूनियर डाक्टर उधम सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट लखनऊ के वजीरगंज थाने में दर्ज कराई है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस पूरे मामले में कई तरह के सवाल खड़े कर दिए है. क्योंकि मनीषा व्यापम घोटाले में जेल भी जा चुकी है और व्यापम घोटाले में ये मामला कोर्ट में प्रचलित है. कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में केजीएमयू में दाखिला लिया था. 

13 अक्टूबर को की थी खुदकुशी की कोशिश
शनिवार (13 अक्टूबर) की रात को करीब आठ बजे बुद्धा हॉस्टल में उसने बेहोशी में दिए जाने वाले इंजेक्शन वेक्यूरेनियम की हाईडोज लगाकर खुदकुशी की कोशिश की थी. उसे ट्रामा सेंटर की वेंटीलेटर यूनिट में भर्ती किया गया था, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए. आरोप है कि डॉ. मनीषा अपने किसी सीनियर डॉक्टर से परेशान थी. मृतका की बहन दीपा शर्मा की तहरीर पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर ली है.

रेजिडेंट डॉक्टर पर आरोप
आरोप है की रेजिडेंट डॉक्टर उधम सिंह की प्रताड़ना से तंग आकर महिला जूनियर डॉक्टर ने बुद्धा हॉस्टल में बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या की कोशिश की थी. कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के शिवनगर निवासी युवती केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एमएस कर रही थी. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमबीबीएस करने के बाद वो यहां प्रो. अंजू अग्रवाल की यूनिट पांच में बतौर जेआर थर्ड कार्यरत थी और बुद्धा हॉस्टल के रूम नंबर 309 डी में रहती थी. 

वजीरगंज थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
मृतका की बड़ी बहन दीपा शर्मा ने यूरो सर्जरी विभाग के सीनियर रेजीडेंट डॉ. उधम सिंह पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से बहन की मौत हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि सीनियर डॉक्टर ने उन्हें फोन करके बताया कि मनीषा से उनकी कहासुनी हुई है, जिसका कॉल रिकॉर्ड है. इसके बाद ही उनकी बहन ने यह कदम उठाया. आरोप है, डॉ. उधम उनकी बहन से छेड़छाड़ करता था. दीपा ने डॉ. उधम सिंह के खिलाफ वजीरगंज थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज कराया है. 

आत्महत्या ने खड़े किए सवाल
डॉ. मनीषा शर्मा की आत्महत्या ने कई भी सवाल खड़े कर दिए हैं. मनीषा का नाम व्यापम घोटाले में आया था, ऐसे में उनकी आत्महत्या को लेकर पुलिस विभाग और केजीएमयू भी अलर्ट हो गया है. मूलरूप से कानपुर के 438 शिव नगर मसवानपुर निवासी रमेश चंद्र विद्यार्थी की बेटी मनीषा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया था. व्यापमं घोटाले की जांच के दौरान स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने मनीषा को गिरफ्तार किया था. वो 6 महीने तक मध्य प्रदेश की जेल में बंद थी और साल 2015 में केजीएमयू के एमएस सर्जरी में दाखिला लिया था. 

व्यापम घोटाले में आया था नाम
मनीषा पर वर्ष 2008-09 में दो छात्राओं के नाम पर मध्य प्रदेश प्रोफेशन इग्जामिनेशन बोर्ड अथवा व्यापम की परीक्षा देने का आरोप था. पड़ताल में एसआइटी ने दावा किया था कि मनीषा ने सरिता शर्मा और ज्योति यादव नाम की छात्राओं की जगह परीक्षा दी थी. इस प्रकरण में आगरा के एसएम मेडिकल कॉलेज के छात्र और मनीषा के दोस्त डॉ. उमेश को भी गिरफ्तार किया था. उमेश पर भी अन्य छात्रों के नाम परीक्षा देने का आरोप था. मनीषा के घरवालों ने तीन नवंबर 2015 को जमानत के लिए अर्जी डाली थी. इसपर हाईकोर्ट ने मनीषा की जमानत मंजूर कर दी थी. वर्तमान में यह मामला कोर्ट में प्रचलित है. 

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