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मुख्यमंत्री की जनपदीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

लेनिन रघुवंशी और श्रुति नागवंशी ने विश्व स्तर पर बढाया काशी और भारत का गौरव

आज होटल कामेश हट, लहुराबीर में प्रो० शाहीना रिज़वी, उपाध्यक्ष और जै कुमार मिश्रा, सदस्य सचिव ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया|

संबोधन के दौरान प्रो० शाहीना रिज़वी ने कहा कि कल 8 नवम्बर, 2021 को ग्लोबल सेंटर फॉर प्लूरलिज्म ने ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 10 फाइनलिस्टों की घोषणा की। इस वर्ष के फाइनलिस्ट में हमारे संस्था के सह – संस्थापक और सीईओ डॉ लेनिन रघुवंशी को चुना गया| डॉ लेनिन पहले और एक मात्र भारतीय है जिनका चयन इस अवार्ड के लिए किया गया है| उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मान काशी के बहुलतावाद और श्रमण संस्कृति का है| स्थापना से ही हमारी संस्था मानवाधिकार जननिगरानी समिति मानवाधिकार संरक्षण के साथ बहुलतावाद और समावेशी संस्कृति को अपने बुनियादी मूल्य में शामिल करके उसी अनुसार अपने कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर लागू करती है|

ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी (जिसमे कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री है) द्वारा चुने जाते हैं। अफगानिस्तान, डोमिनिकन गणराज्य, कोसोवो, इज़राइल, भारत, केन्या, हांगकांग, कनाडा, मलावी में और विश्व स्तर पर-2021 के फाइनलिस्ट ने शिक्षा, सामुदायिक निर्माण, सामाजिक-आर्थिक विकास और कला के माध्यम से बहुलतावाद को आगे बढ़ाने के लिए असाधारण प्रयास किए हैं। विदित को कि ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म, एक स्वतंत्र स्वयंसेवी संगठन है जिसकी स्थापना महामहिम आगा खान और कनाडा सरकार द्वारा की गई है।

संस्था की दूसरी संस्थापक सुश्री श्रुति नागवंशी को उनके महिला अधिकार, बाल अधिकार और शांति पर उत्कृष्ट कार्य के लिए 2021 पब्लिक पीस प्राइज के नवाजा गया| इस वर्ष यह पुरस्कार 5 देशो के 9 लोगो को दिया गया जिसमे कनाडा, भारत, कोलम्बिया, कांगो, लोकतान्त्रिक गणराज्य (डीआरसी) और पाकिस्तान को दिया गया|

जै कुमार मिश्रा, सदस्य सचिव ने बताया कि संस्था हाशिये पर स्थित एवं उपेक्षित समूह को सेवा प्रदान करके समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम विगत 25 वर्षो से कर रहा है| अभी चाइल्ड राइट्स एंड यू के सहयोग से मातृत्व व बाल स्वास्थ्य और अधिकार पर वाराणसी के 4 ब्लाकों में काम कर रहा है| साथ ही दो CMC का संचालन कर रहा है और वंचित समूह में कोवीड टीकाकरण लगवाने के लिए जागरूक कर रही है| यूनाइटेड नेशन वालेंटरी ट्रस्ट फण्ड फॉर टार्चर विक्टिम्स (UNVFVT) के सहयोग से मनो- सामाजिक सम्बल प्रदान करके पुनर्वासन करके उनमे पैरवी करती है| नोरेक, नॉर्वे और नेपाल की संस्था इन्सेक के साझा प्रयास के युवाओ की ट्रेनिंग और डायलाग का आयोजन कर रही है जिससे युवाओ को उनके भागीदारी, SDG और अधिकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि कोरोना प्रबन्धन में राज्य की सर्वत्र सराहना हुई है। कोरोना टीकाकरण का कार्य भी इसी प्रकार सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जाना चाहिए। कोविड टीकाकरण के लिए पात्र लगभग 15 करोड़ प्रदेशवासियों में से अब तक 9.95 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गयी है। पौने पांच करोड़ लोगों को अभी भी कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जानी बाकी है। माह नवम्बर, 2021 के अंत तक 100 फीसदी पात्र व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जानी है। इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना के माध्यम से राज्य में प्रतिदिन 25 से 30 लाख कोरोना टीकाकरण किया जाए। इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए, अन्यथा सम्बन्धित की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर जनपदीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना वैक्सीनेशन, छठ पूजा सहित कार्तिक माह में सम्पन्न होने वाले पर पर्वों एवं मेलों का प्रबन्धन, धान क्रय केन्द्रों के संचालन, डी0ए0पी0 की उपलब्धता, निराश्रित गोआश्रय स्थलों का प्रबन्धन, रैन बसेरों की व्यवस्था आदि की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी कोरोना टीकाकरण के कार्य को पूरी गम्भीरता से लेकर प्रभावी ढंग से सम्पन्न कराएं। कोरोना टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी प्रतिदिन सायं 06 बजे से 07 बजे के मध्य मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी आदि अधिकारियों के साथ कोरोना टीकाकरण की प्रगति की नियमित समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी आदि अधिकारी नियमित रूप से कोरोना टीकाकरण केन्द्रों का भ्रमण कर निरीक्षण करें। जिलाधिकारी राजस्व, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास आदि विभागों के अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कोरोना टीकाकरण की गति बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 40 लाख कोरोना टीकाकरण की क्षमता है। आगामी डेढ़ महीनों तक राज्य में प्रतिदिन औसतन 25 लाख से 30 लाख कोरोना टीकाकरण का प्रयास किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड टीकाकरण में गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, लखनऊ और झांसी जनपदों में 75 फीसदी से अधिक लोगों को टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है, जबकि फिरोजाबाद, बलिया, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अलीगढ़, सोनभद्र, हॉपुड़, आजमगढ़, फर्रुखाबाद सहित 34 जनपदों में अब तक 65 फीसदी से कम प्रथम डोज लगाई है। इसमें तत्काल सुधार किया जाना चाहिए। कोरोना टीकाकरण के कार्य को प्रभावी ढंग से सम्पन्न कराने के लिए अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एक नोडल अधिकारी तैनात करें। नोडल अधिकारी जनपदों से संवाद बनाकर कोरोना टीकाकरण की प्रगति की नियमित रिपोर्ट प्राप्त करें तथा कोरोना टीकाकरण के सम्बन्ध में शिथिलता बरतने वाले जनपदों के सम्बन्ध में साप्ताहिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 10 व 11 नवम्बर को छठ का पर्व है। छठ के अवसर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ आदि महानगरों में नदियों, सरोवरों आदि पर भीड़भाड़ की सम्भावना रहती है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व पर नदियों, तालाबों आदि के तटों पर साफ-सफाई तथा सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए। जिन जनपदों में छठ का पर्व बड़े स्तर पर मनाया जाता है, उन जनपदों में जिलाधिकारी स्थानीय स्तर पर अवकाश घोषित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कार्तिक मास में विभिन्न जनपदों में बड़े मेले आयोजित किए जाते हैं। इन जनपदों में सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा स्थानीय स्तर पर अवकाश घोषित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कार्तिक मास में अयोध्या में 14 कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा आयोजित होती है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर परिक्रमा मार्ग की साफ-सफाई के साथ ही परिक्रमा मार्ग पर सुरक्षा, प्रकाश एवं पेयजल की व्यवस्था सहित अन्य जनसुविधाओं की व्यवस्था की जाए। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इसके दृष्टिगत नदी तटों, जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं। साफ-सफाई, सुरक्षा, पार्किंग आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली का आयोजन किया जाता है। यह एक बड़ा आयोजन है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। काशी के महत्व को देखते हुए देव दीपावली पर विशेष सतर्कता बरती जाए। इस अवसर पर साफ-सफाई, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था की जाए। कार्तिक माह के पर्वों एवं मेलों में पब्लिक एडेªस सिस्टम के माध्यम से कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में जागरूकता की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि पर्वों और मेलों के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक तथा मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त एवं आई0जी0 रेंज अथवा डी0आई0जी0 रेंज द्वारा नियमित समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 01 नवम्बर, 2021 से धान क्रय केन्द्रों के माध्यम से धान खरीद का कार्य प्रारम्भ हो गया है। सभी जनपदों में निर्धारित संख्या में क्रय केन्द्रों का संचालन किया जाए। जिलाधिकारी, सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर 24 घण्टे में सभी धान क्रय केन्द्रों का संचालन सुनिश्चित कराएं। धान क्रय केन्द्रों के संचालन में शिथिलता बरतने वालों के विरुद्ध स्थानीय स्तर पर कार्यवाही की जाए। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले विभागों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि धान क्रय केन्द्रों सुचारु संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। एस0डी0एम0, तहसीलदार तथा खाद्य एवं विपणन विभाग के अधिकारियों द्वारा भी क्रय केन्द्रों का नियमित निरीक्षण किया जाए तथा शिकायत पाए जाने पर जांच कर कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में डी0ए0पी0 की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य में प्रतिदिन डी0ए0पी0 की 08 से 10 रैक आ रही है। कृषि एवं सहकारिता विभाग पारस्परिक संवाद एवं समन्वय के माध्यम से डी0ए0पी0 की नियमित सप्लाई चेन को बेहतर बनाने लिए आवश्यक कार्यवाही करें। किसानों को डी0ए0पी0 सुचारु रूप से तथा निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जनपदों में डी0ए0पी0 की तस्करी रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने गोआश्रय स्थलों के समुचित प्रबन्धन के निर्देश देते हुए कहा कि गोआश्रय स्थलों पर चारे, साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। ठण्ड के दृष्टिगत गोवंश के इससे बचाव की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर राजस्व विभाग के अधिकारी द्वारा गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण कराया जाए। उन्होंने कहा कि सहभागिता योजना के तहत किसानों एवं कुपोषित बच्चों वाले परिवारों को गाय उपलब्ध करायी गयी है। विभिन्न जनपदों में यह कार्य सराहनीय ढंग से सम्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि गाय की देखभाल ठीक ढंग से की जा रही है तथा सम्बन्धित को निर्धारित 900 रुपये की धनराशि प्रतिमाह उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष बरसात अधिक होने से अधिक ठण्ड की आशंका है। इसके दृष्टिगत अलाव जलाने की जगहों को पहले से चिन्हित किया जाए। रैन बसेरों के संचालन एवं कम्बल वितरण के सम्बन्ध में राजस्व विभाग द्वारा अभी से व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी को भी सड़क, चौराहों, मूर्ति स्थलों तथा खुले में न सोना पड़े। ऐसे स्थलों पर सोने वाले लोगों को रैन बसेरे में पहुंचाया जाए। प्रत्येक थाना क्षेत्र में इस सम्बन्ध में नियमित पेट्रोलिंग की व्यवस्था हो।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने इस अवसर पर जिलाधिकारी, एस0डी0एम0 तथा अन्य अधिकारियों से कोरोना वैक्सीनेशन कार्य में तेजी लाने का आह्वान करते हुए कोरोना वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के लिए माइक्रो प्लानिंग एवं माइक्रो मैनेजमेंट की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छोटे जनपद में एक तथा बड़े जनपदों में 02 से 03 ऐसे कोरोना वैक्सीनेशन सेण्टर संचालित किए जाने चाहिए, जहां सुबह 08 बजे से लेकर रात 10 बजे तक कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतीराज व ग्राम्य विकास विभाग की सहायता से तथा ग्राम प्रधान और जनप्रतिनिधिगण को लीडरशिप देकर कोरोना वैक्सीनेशन बढ़ाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री आलोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री प्रशांत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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