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बिहार में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर सरकार द्वारा हुई नई गाइडलाइन जारी

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा है, बावजूद इसके लिए कई लोग जमकर लापरवाही कर रहे हैं. राजधानी पटना में इसकी झलक साफतौर पर देखने को मिल रही है.

ओमिक्रॉन के खतरे के बावजूद लोग बाजार और सब्जी मंडियों में ब्रेफिक्र होकर खरीदारी कर रहे हैं. इस दौरान वो सोशल डिस्टेंसिंग ,मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग नहीं कर रहे हैं.

दरअसल, ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे से बचाव को लेकर सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई बावजूद इसके लापरवाही करने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. एक तरफ जहां लोग गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं तो वहीं सरकारी स्तर पर भी कई लापरवाही देखने को मिल रही है.

दरअसल, केंद्र ने विभिन्न प्रभावित देशों से पटना आए लोगों की सूची भेजी है लेकिन इसमें से अभी तक सबके नमूने नहीं लिए जा सके हैं. इतना ही नहीं, ओमीक्रोन प्रभावित देशों से आने वाले लोगों को चिह्नित कर उनकी जांच करने की रफ्तार भी धीमी है और रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जा रहा है.

हालांकि, राहत की बात ये है कि जिन लोगों की टेस्टिंग हुई है उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो लोगों को 8 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना पडे़गा. चिकित्सा विभाग का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जिन लोगों की लिस्ट भेजी गई है

उसमें से ज्यादातर लोग सीधे पटना नहीं आए हैं. कई लोग दिल्ली-नोएडा होने के बात कर रहे हैं और बिना बताए अपने घर निकल जा रहे हैं. ऐसे में जिन लोगों की 72 घंटे पहले तक आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव है, उन्हें छोड़कर हवाईअड्डे और स्टेशन से आने वाले सभी की जांच की जा रही है.

इसके अलावा, अगर कोई पॉजिटिव आता है तो उसे PMCH, NMCH या IGIMS में भर्ती कराने के साथ जीन सीक्वेंङ्क्षसग के लिए नमूने भेजे जाएंगे. वहीं, कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट है.

सरकार ने बचाव के लिए पहले से गाइडलाइन जारी कर दी है. वैक्सीनेशन प्रक्रिया लगातार बढ़ाई जा रही है. सीत ही राज्य में संक्रमण फिर से न फैले इसको लेकर बॉर्डर पर चौकसी चौकसी बढ़ा दी गई है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद राज्य में आने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच की जा रही है.

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