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फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने रूस के साथ वार्ता पर जोर दिया

यूक्रेन संकट में अब भी कूटनीति के लिए गुंजाइश बची रहने का जिक्र करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने एक संभावित युद्ध के संकेतों के बावजूद वार्ता पर जोर देना जारी रखा है।
उनका रुख, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के फ्रांस के खुद के भू-राजनीतिक राह पर चलने की परंपरा की पुष्टि करता है, जिसके तहत पेरिस ने अमेरिका के पीछे आंख मूंद कर चलने से इनकार कर दिया। यह अप्रैल में फ्रांस में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अभियान के बीच यह मैक्रों की घरेलू राजनीतिक रणनीति का भी हिस्सा है।
मैक्रों शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता करने की तैयारी कर रहे हैं और उनके आवास पर बुधवार को रूसी एवं यूक्रेनियाई सलाहकारों के बीच लंबी वार्ता हुई । यूक्रेन की सीमा के पास हाल के हफ्तों में रूस के भारी संख्या में अपने सैनिक जमा करने के बाद से दोनों पक्षों के बीच यह पहली वार्ता थी।
रूसी और यूक्रेनियाई, फ्रांसीसी और जर्मन सलाहकारों के बीच बुधवार की वार्ता का उद्देश्य सभी पक्षों द्वारा संकट के समाधान के लिए और अधिक समय लेना था। वे दो हफ्तों में फिर से बैठक करने के लिए सहमत हुए। हालांकि, विशेषज्ञों ने सवाल किया है कि क्या यह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त होगा।
फ्रांसीसी सरकार के प्रवक्ता गेब्रियल अत्ताल ने कहा कि शुक्रवार सुबह पुतिन के साथ मैक्रों की वार्ता के दो लक्ष्य हैं, ”वार्ता जारी रखना और रूस पर अपना रुख एवं सैन्य गतिविधि को स्पष्ट करने के लिए दबाव बनाना। ÓÓ
मास्को ने हमले की योजना की बात से इनकार किया है, जबकि उसने हाल के हफ्तों में यूक्रेन की सीमा के पास अपने करीब एक लाख सैनिक जमा कर दिये हैं।

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