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मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में भारत सेवा आश्रम संघ परिसर में स्वाधीनतासंग्राम सेनानी स्व0 श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल के स्मारक का शिलान्यास किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में भारत सेवा आश्रम संघ परिसर में स्वाधीनता संग्राम सेनानी स्व0 श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल के स्मारक का शिलान्यास किया। इस स्मारक स्थल पर श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ज्ञातव्य है कि श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल स्मृति स्थल को पर्यटन केन्द्र/स्मारक के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 03 करोड़ 06 लाख 47 हजार रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृत कर 01 करोड़ 53 लाख रुपये अवमुक्त कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर कहा कि भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना महान क्रान्तिकारी, सिद्धयोगी स्वामी प्रणवानन्द द्वारा की गई थी। यह वह समय था, जब देश परतंत्र था। एक ओर अंग्रेजों की गुलामी और दूसरी तरफ देश में हो रहे व्यापक साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति। उन स्थितियों में स्वामी प्रणवानन्द महाराज जी ने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना की। स्वामी प्रणवानन्द जी नाथ पंथ के सिद्ध योगी गम्भीरनाथ जी के शिष्य थे और आजीवन उन्होंने गम्भीरनाथ जी को गुरू के समान सम्मान दिया। आज दोनां सिद्ध योगी भौतिक रूप से हमारे बीच में नही हैं, परन्तु सूक्ष्म रूप से उनकी उपस्थिति महसूस की जा सकती है। स्वामी प्रणवनन्द द्वारा स्थापित भारत सेवाश्रम संघ और हिन्दू मिलन मंदिर आज पूरी दुनिया में फैला हुआ है। भारत सेवाश्रम संघ ने सेवा, धार्मिक जागरण सहित अपने अनेक रचनात्मक कार्यां के माध्यम से देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बासन्तिक नवरात्रि तथा शारदीय नवरात्रि आदि शक्ति माँ भगवती के अनुष्ठानों का पावन पर्व है। इस पावन पर्व पर भारत सेवाश्रम संघ की पूजा पद्धति दर्शनीय होती है। मुख्यमंत्री जी ने भारत सेवाश्रम संघ के इस कार्यक्रम में उपस्थित भारत सेवाश्रम संघ के अध्यक्ष और सेवाश्रम संघ से जुड़े सभी सम्मानित नागरिकों को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सेवाश्रम संघ के परिसर के पास ही क्रान्तिकारी श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल जी की कर्मभूमि है। हम सब इस बात को जानते है कि वर्ष 1893 में श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल का जन्म हुआ था। उस समय भारत गुलाम था। देश की आजादी के लिए उन्हें एक ही जीवन में दो बार काला पानी की सजा मिली थी। आजादी की लड़ाई के दौरान सुप्रसिद्ध चापेकर बन्धुओं ने भारत की आजादी के लिए पूरा परिवार कैसे अपने आपको बलिदान कर दिया था वैसे ही श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल और उनके बन्धुओं ने भी आजादी के लिए अपने आप का बलिदान दिया था। वर्ष 1942 में श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल ने अंग्रेजों के षडयंत्र के कारण गोरखपुर में भौतिक देह को त्यागा था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वह महान क्रान्तिकारी हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां हमारे बीच हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से आज प्रदेश सरकार ने देश की आजादी के लिए सान्याल बन्धुओं के द्वारा दिए गए योगदान को जीवंत बनाए रखने तथा उन सभी क्रान्तिकारियों को सम्मान देने का कार्य किया है। गोरखपुर में पं0 राम प्रसाद बिस्मिल के शहादत स्थल गोरखपुर जेल में जहां उन्हें फांसी दी गयी थी वहां पर भव्य स्मारक बनाया गया है। काकोरी कांड के नायक अशफाक उल्ला खां की स्मृति में गोरखपुर प्राणि उद्यान का नामकरण उनके नाम पर किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महान क्रान्तिकारी श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल की स्मृतियों को जीवन्त बनाये रखने के लिए इस परिसर में एक स्मारक, अतिथि भवन और उनकी भव्य मूर्ति की स्थापना का शिलान्यास किया गया है तथा दूसरे चरण में पुस्तकालय का और वाचनालय का निर्माण कार्य किया जायेगा। कैण्ट थाने का सुन्दरीकरण होने जा रहा है। साथ ही, मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य होगा। इससे यहां पर स्कूली बच्चें बड़े पैमाने पर आकर भारत सेवाश्रम संघ में दोनों क्रान्तिकारियों के दर्शन करेंगे तथा पुस्तकालय से उन्हें देश के क्रान्तिकारियों का इतिहास जानने का अवसर भी प्राप्त होगा।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने भारत सेवाश्रम संघ के समीप नगर निगम के 119 कूड़ा कलेक्शन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण व शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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