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ऑपरेशनल हुआ आइएसीसीएस , मेमौरा वायुसेना स्टेशन की जद में आया पाकिस्तान

भारतीय वायुसेना अब लखनऊ के मेमौरा वायुसेना स्टेशन से दुश्मन देशों के विमानों की घुसपैठ पर सीधी कार्रवाई कर सकेगी। पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के भारतीय क्षेत्र में घुसने, ड्रोन, माइक्रोलाइट विमान और गुब्बारे तक की सीधी तस्वीर अब वायुसेना अपने ऑपरेशनल रूम को दे सकेगी। मेमौरा वायुसेना स्टेशन के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम  को वायुसेना ने ऑपरेशनल कर दिया है। देश के सभी वायुसेना स्टेशन के राडारों से जुड़ा  मेमौरा वायुसेना स्टेशन यह तय कर सकेगा कि देश में किस हिस्से से वायुसेना को जवाबी कार्रवाई करनी है। यह प्रणाली मल्टी ऑपरेशन करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

कार्रवाई करने में सक्षम:

देश की महत्वपूर्ण मध्य वायुकमान ने मेमौरा वायुसेना स्टेशन को वायुसेना के आइएसीसीएस के लिए चुना था। पिछले साल इस प्रणाली को लगाकर इसका परीक्षण शुरू किया गया था। वायुसेना ने परीक्षण के बाद इसकी तकनीक को अपग्रेड करते हुए इसे ऑपरेशनल कर दिया। अब मेमौरा का यह सिस्टम देश में वायुसेना के सभी राडार से जुड़ गया है। यह सिस्टम मिसाइल हमलों के दौरान भी कार्रवाई करने में सक्षम है। दरअसल, आइएसीसीएस को भारतीय वायुसेना में 2009 में शामिल किया गया था। मेमौरा वायुसेना स्टेशन में लगी इसकी उन्नत तकनीक को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. ने विकसित किया है।

 

ऐसे काम करेगी प्रणाली:

जानकारों के मुताबिक अब मेमौरा वायुसेना स्टेशन से यह तय किया सकेगा कि देश के भीतर आए दूसरे देश के विमान को कहां से और कौन सा भारतीय विमान भगाने की कार्रवाई करेगा। यह सिस्टम मिसाइल को भी कारगर तरीके से संचालित करने में सक्षम है। इससे निर्धारित लक्ष्य को भेदने में मदद मिलेगी। वायुसेना के साथ देश के सभी एयरपोर्ट के राडार भी इस प्रणाली से नियंत्रित होंगे।

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