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दुनिया के बड़े नेताओं को साधने के लिए फ्रांस पहुंचे PM नरेंद्र मोदी और वही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन से की मुलाकात

G-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस पहुंच गए हैं। भारत विकसित देशों के इस समूह का हिस्सा नहीं है, परन्तु फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के विशेष आग्रह पर मोदी पहुंचे हैं।

विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह न्योता दोनों नेताओं के आपसी संबंध और बड़ी आर्थिक ताकत के रूप में भारत की पहचान का प्रतीक है।सम्मेलन में पहुंचे मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री  जॉनसन से मुलाकात भी  की।  ‘दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों, रक्षा, सुरक्षा एवं व्यापार समेत कई मुद्दों पर बात हुई। वही मोदी ने एशेज श्रृंखला के तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड की  जीत पर  जॉनसन को दी बधाई ।’
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुतेरस से भी विभिन्न मसलों पर बात की।वही पर  G-7 की बैठक में मोदी पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे मुद्दों पर प्रस्तावित दो सत्रों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा मोदी विभिन्न वैश्विक नेताओं से द्विपक्षीय चर्चा भी करेंगे। इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर समेत कई द्विपक्षीय मसलों पर भी उनकी चर्चा हो सकती है।

वही पर आपको बता  दे की G-7 में रूस को फिर से शामिल करने की चर्चा भी हो  रही है। विकसित देशों का यह समूह पहले जी-8 कहा जाता था। इसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, रूस और अमेरिका शामिल थे।अगर हम वही  बात करे , 2014 में यूक्रेन के प्रायद्वीप क्रीमिया पर कब्जे के बाद  विवाद के चलते रूस इस समूह से बाहर हो गया था। सूत्रों का कहना है कि समूह के मौजूदा देश रूस से सहयोग बढ़ाने के पक्ष में हैं। हालांकि रूस को समूह में पुन: कब शामिल किया जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है। 2020 में जी-7 बैठक की मेजबानी अमेरिका करेगा। इसमें रूस की वापसी पर ट्रंप ने कहा, ‘मैं इस बारे में नहीं जानता। निश्चित तौर पर यह संभव है।’

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