ट्रैफिक नियमों के प्रति लापरवाही पड़ रही है भारी
![तीन सवारी-------------------1396 सीट बेल्ट-----------------------812 ओवरलोडिंग--------------------405 मालवाहक वाहन में सवारी---207 वर्ष 2017 में कार्रवाई एक नजर कुल चालान--------------------119018 एमवी एक्ट--------------------16294 सीज वाहन----------------------2745 एल्कोमीटर में सीज------------955 चस्पा चालान------------------48563 ओवरस्पीड-----------------------2216 यह है स्थिति वर्ष-----हादसे---------मृतक-------------घायल 2013----296--------138----------------274 2014----314--------146----------------285 2015----343--------143----------------303 2016----295--------139----------------220 2017----342--------132----------------143 2018अब तक 94-----------36--------------------63 एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि यातायात नियमों के पालन के प्रति लोगों को जागरूकों करने के साथ पुलिस कार्रवाई भी करती है। मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।](https://www.abpbharat.com/wp-content/uploads/2018/06/24_06_2018-mobilephoneusedf_18117219.jpg)
नैनीताल हाई कोर्ट ने भले ही कठोर रुख अख्तियार करते हुए गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने को गंभीरता से लेते हुए लाइसेंस रद करने का आदेश दिया है। लेकिन, हकीकत यह है कि यातायात नियमों का पालन कराना आसान नहीं है। आंकड़े इस हकीकत की पुष्टि भी करते हैं। दरअसल, पिछले वर्ष जहां यातायात नियमों की अनदेखी के चलते 1.19 लाख चालान हुए, वहीं इस साल बीते पांच माह में 26767 चालान हो चुके हैं।
सफर को सुरक्षित और सुखद बनाने के उद्देश्य से बनाए गए यातायात नियमों के प्रति लापरवाही अक्सर मौत का कारण बन जाती है। बावजूद इसके नियमों के अनुपालन के प्रति संवेदनशीलता नहीं बढ़ रही है। दून शहर की बात करें तो यहां हालात सूबे के किसी भी अन्य शहर से अधिक चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। यहां सीपीयू और ट्रैफिक पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद यातायात नियम की धज्जियां उड़ रही हैं। पिछले पांच महीनों के दौरान हुई कार्रवाई पर नजर डालें तो पता चलता है कि मोबाइल पर बात करते समय गाड़ी चलाने वाले सवा पांच हजार से अधिक लोगों के चालान हो चुके हैं। वहीं हेलमेट की बात करें तो अकेले चलने वाले मोटरसाइकिल सवार को भी हेलमेट बोझ लगता है। अधिकांश तो हेलमेट सिर पर तब रखते हैं, जब सामने उन्हें कोई पुलिसवाला दिख जाता है।
वर्ष 2018(मई तक) ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई
बिना हेलमेट——————-13860
तेज रफ्तार——————–7923
मोबाइल प्रयोग—————-5291
नशे में ड्राइविंग—————2266
रेड लाइट जंप —————1607
तीन सवारी——————-1396
सीट बेल्ट———————–812
ओवरलोडिंग——————–405
मालवाहक वाहन में सवारी—207
वर्ष 2017 में कार्रवाई एक नजर
कुल चालान——————–119018
एमवी एक्ट——————–16294
सीज वाहन———————-2745
एल्कोमीटर में सीज————955
चस्पा चालान——————48563
ओवरस्पीड———————–2216
यह है स्थिति
वर्ष—–हादसे———मृतक————-घायल
2013—-296——–138—————-274
2014—-314——–146—————-285
2015—-343——–143—————-303
2016—-295——–139—————-220
2017—-342——–132—————-143
2018अब तक 94———–36——————–63
एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि यातायात नियमों के पालन के प्रति लोगों को जागरूकों करने के साथ पुलिस कार्रवाई भी करती है। मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।