जम्मू कश्मीरप्रदेश

जम्मू-कश्मीर में इस समय 70 विदेशी सहित 258 सूचीबद्ध आतंकी हैं सक्रिय…

राज्य में इस समय 258 सूचीबद्ध आतंकी सक्रिय हैं। इनमें से 15 जम्मू संभाग में हैं, जबकि शेष कश्मीर के विभिन्न जिलों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अलबत्ता, इन आतंकियों में सिर्फ 70 ही विदेशी आतंकी हैं।

बीते एक दशक में यह पहला मौका है जब वादी में सक्रिय विदेशी आतंकियों की संख्या 70 पहुंची हो। स्थानीय आतंकियों की संख्या के साथ उनकी भर्ती में तेजी आई हो। बीते पांच माह में वादी में 75 युवक आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं।

लगातार बढ़ती आतंकी गतिविधियों और आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की बढ़ती तादाद से निपटने के लिए जहां सुरक्षाबल आतंकियों को मार गिराने के लिए ऑपरेशन ऑल आउट में और तेजी ला रहे हैं, वहीं स्थानीय आतंकियों के सरेंडर और नए लड़कों की भर्ती को रोकने के लिए राज्य पुलिस आम लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाते हुए संवाद-समन्वय के जरिए आतंकी बने युवकों के परिजनों की मदद ले उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास भी कर रही है।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में सक्रिय 243 आतंकियों में 59 विदेशी हैं। जम्मू संभाग में सक्रिय 15 आतंकियों में 11 विदेशी और चार स्थानीय हैं। इस साल मई माह के अंत तक 75 स्थानीय नौजवान आतंकी बने हैं जो चिंता का विषय है। वर्ष 2017 में 127 युवक आतंकी बने थे जो बीते एक दशक में किसी एक साल के दौरान आतंकी बनने वाले स्थानीय लड़कों की सबसे ज्यादा तादाद है।

इससे पहले वर्ष 2016 में 88 लड़के आतंकी संगठनों में गए थे। वर्ष 2014 से ही आतंकी संगठनों में भर्ती होने वाले स्थानीय नौजवानों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि आतंकी बनने वाले लड़कों में पढ़े लिखों की संख्या भी खूब है। इसी साल जनवरी में आतंकी बना मनान बशीर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहा था। बीते माह शोपियां में आतंकी सद्दाम पडर के साथ मारा गया मोहम्मद रफी बट कश्मीर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर था। वह आतंकी बनने के दो दिनों के बाद मारा गया।

तहरीके हुíरयत चेयरमैन मोहम्मद अशरफ सहराई का बेटा जुनैद अशरफ सहराई मार्च 2018 में आतंकी बना है, वह एमबीए है।

राज्य पुलिस के सीआईडी विंग द्वारा तैयार एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि आतंकी बनने वाले युवाओं में 32 प्रतिशत मैट्रिक पास हैं, जबकि 19 प्रतिशत अंडरग्रेज्युएट या ग्रेज्युएट, सात प्रतिशत पोस्टग्रेज्युएट हैं और सात प्रतिशत ने कोई पढ़ाई नहीं की है। लेकिन 65 प्रतिशत से ज्यादा युवक आतंकी बनने से पहले मजहबी गतिविधियों में ज्यादा रुची ले रहे थे और 10 प्रतिशत अकादमिक व अन्य गतिविधियों से प्रभावित होकर आतंकी बने हैं।

आतंकियों में तीन प्रतिशत नशेड़ी हैं और 22 प्रतिशत आवारा किस्म के गुंडागर्दी करने वाले युवक हैं। इसके अलावा वर्ष 2010 और 2011 में 25 प्रतिशत नौजवान सोशल मीडिया पर थे, जो वर्ष 2014 में 30 प्रतिशत हो गई और 2015 मे यह तादाद 70 प्रतिशत थी।

कब कितने आतंकी बने

वर्ष संख्या 2010 542011 232012 212013 16 2014 532015 66

आतंकियों के जनाजे में दो नए आतंकी बनते हैं

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों के जनाजे के दौरान दो नए आतंकी पैदा होते ही हैं। 

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