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राष्ट्रीय राजधानी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा….

राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा की कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि राजकोषीय घाटा 4% को पार कर जाएगा। हमारे पास ऐसी स्थिति हो सकती है जिसमें आप चाहते हैं कि सरकार अर्थव्यवस्था को पंप-प्राइमिंग पर खर्च करे। हम पिछले शासन की गलतियों को नहीं दोहराएंगे। अब जो पैसा खर्च किया जा रहा है वह एसेट क्रिएशन और ऐसी एसेट्स के लिए है, जो उन जगहों से ज्यादा कनेक्टिविटी दे सकती हैं, जहां से बाजार तक पहुंच बनती है।

वित्त मंत्री ने कहा हमारे लिए निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण है. आप आगे बढ़ें, हम हर संभव समर्थन देने के लिये तैयार हैं बजट के बाद उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां आयोजित परिचर्चा में उन्होंने वर्ष 2020-21 में विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने का भी भरोसा जताया.

उन्होंने कहा कि विनिवेश का पैसा ढांचागत सुविधाओं के विकास और संपत्ति सृजित करने में लग रहा है विनिवेश का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा सरकार की इस मामले में मंशा पूरी तरह साफ है. सरकार को इससे जो भी राशि प्राप्त हो रही है, उसे ढांचागत क्षेत्र के विकास और संपत्ति सृजित करने में लगाया जा रहा है

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के बजट में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. इसमें करीब 90 हजार करोड़ रुपये भारतीय जीवन बीमा निगम की शेयर सूचीबद्धता और आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने से आ सकते हैं.

निर्मला सीतारमण ने कहा कुछ लोग वित्तीय घाटे के 4-5 प्रतिशत से ऊपर निकलने की बात कह रहे हैं, लेकिन हमने बजट में अपना रुख बिल्कुल साफ किया है, जहां जरूरी है हम वहां खर्च कर रहे हैं उल्लेखनीय है कि बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान 3.3 प्रतिशत से संशोधित कर 3.8 प्रतिशत कर दिया है.

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