जम्मू कश्मीरप्रदेश

सीमा पुलिस की दो बटालियन के गठन को मंजूरी

राज्य प्रशासकीय परिषद (एसएसी) ने वीरवार को जम्मू कश्मीर में सीमा पुलिस की दो बटालियन के गठन, द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग ले चुके पूर्व सैनिकों और उनसे संबंधित वीर नारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ विभिन्न अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 32 अतिरिक्त पदों के सृजन की मंजूरी दे दी।

इसके अलावा विजयपुर (जम्मू) में एम्स के निर्माण व राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़क और बिजली ढांचे के विकास के लिए 153.18 हेक्टेयर वनीय भूमि के इस्तेमाल के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी गई।

राज्य प्रशासकीय परिषद की राज्यपाल एनएन वोहरा की अध्यक्षता में वीरवार को बैठक हुई। पहले यह बैठक गत बुधवार 27 जून को होनी थी, लेकिन अंतिम समय में इसे स्थगित कर दिया गया था। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बनाए जा रहे निजी व सामुदायिक बंकरों की मौजूदा स्थिति का भी जायजा लिया गया।

बता दें कि 19 जून को पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिरने के बाद राज्य के शासन की बागडोर संभालने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने पहली बार प्रशासकीय परिषद की बैठक बुलाई थी। इसमें राज्यपाल के दोनों सलाहकार बीबी व्यास, के विजय कुमार के अलावा मुख्य सचिव बीवी आर सुब्रह्मण्यम भी मौजूद रहे।

छह माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश : प्रशासकीय परिषद ने अंतरराष्ट्रीय सीमा/एलओसी के साथ सटे इलाकों में रहने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सीमा पुलिस अथवा बार्डर पुलिस की दो बटालियन के गठन को मंजूरी दी है।

इन दो बटालियन में अधिकारियों व जवानों के कुल 2014 पदों में से कांस्टेबल के 1402 पद, आइबी/एलओसी से 0-10 किमी के भीतर रहने वाले युवाओं में से भरे जाएंगे। शेष 600 पद पूरे राज्य से भर्ती से भरे जाएंगे। दो सीमा पुलिस बटालियन के गठन से सीमावर्ती इलाकों के युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों से विशेष भर्ती के प्रावधान से राज्य पुलिस संगठन में सीमांत लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होगा।

एसएसी ने अगले छह महीनों के भीतर पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से इन सीमावर्ती बटालियन की भर्ती पूरी करने के लिए गृह विभाग को निर्देश दिए। इन बटालियनों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना बनाने के लिए 162 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। वेतन के लिए आवर्ती खर्चो को पूरा करने के लिए सालाना 36 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

सामुदायिक बंकर बनाकर जिला प्रशासन को सौंपे : एसएसी ने 4165 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से आइबी / एलओसी के साथ सटे इलाकों में बनाए जा रहे 12165 निजी और 1347 सामुदायिक बंकरों की मौजूदा स्थिति का भी जायजा लिया। एसएसी ने सामुदायिक बंकरों को निर्माण के तुरंत बाद जिला प्रशासन को सौंपे जाने का गृह विभाग को निर्देश दिया, ताकि इनका पूरा सदुपयोग और देखभाल यकीनी बनाई जा सके।

वित्तीय सहायता में वृद्धि : एसएसी ने विश्व युद्ध-द्वितीय में भाग ले चुके वयोवृद्ध पूर्व सैनिकों और ऐसे दिग्गजों की विधवाओं जिन्हें वीर नारी कहा जाता है, की मौजूदा तीन हजार रुपये की मासिक पेंशन को बढ़ाकर चार हजार रुपये प्रति माह करने का फैसला भी किया है। यह फैसला पहली जून 2018 से प्रभावी होगा और इससे लगभग 380 वयोवृद्धों और विधवाओं को लाभान्वित करेगा।

स्वास्थ्य संस्थानों के लिए 32 अतिरिक्त पदों का सृजन : एसएसी ने हाल ही में अपग्रेड किए गए तीन स्वास्थ्य संस्थानों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 32 अतिरिक्त पदों के सृजन के लिए मंजूरी दे दी है। श्रीनगर में हजरतबल में उप जिला अस्पताल (एसडीएच) के लिए 16 पद, जम्मू में दोमाना में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और देवर कुपवाड़ा स्थित पीएचसी के लिए 8-8 पद शामिल हैं।

वनीय भूमि के उपयोग को मंजूरी : एसएसी ने पूरे राज्य में सड़क, रेलवे, ट्रांसमिशन, स्वास्थ्य, पेयजल और अन्य क्षेत्रों में विभिन्न विकास परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए 153.18 हेक्टेयर वनीय भूमि के इस्तेमाल के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए संबंधित योजनाओं के लिए आवश्यक भूमि विभागों को स्थानांतिरत करने पर मुहर लगा ली।

यह फैसला वन सलाहकार समिति (एफएसी) की 105वीं, 107वीं और 108वीं बैठक में तैयार किए गए प्रस्तावों के आधार पर लिया गया है। अन्य परियोजनाओं के अलावा, एसएसी ने प्रतिष्ठित एम्स विजयपुर,रिंग रोड श्रीनगर, पीएमजीएसवाई की 14 परियोजनाओं, जीआरईएफ और सेना से संबंधित 02 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। कोकण रेलवे के लिए ग्रिड स्टेशन कटड़ा से ग्रां (रियासी) तक 132 केवी ट्रांसमिशन लाइन लगाने के संबंध में एक अन्य परियोजना को भी मंजूरी दे दी गई।

बता दें कि एफएसी ने अपनी 105वीं बैठक में पथवार से थाथी (जम्मू), चोलोग से धमन (बसोहली), पुराना तुलैल से डांगीथल तक सड़क और एलओ -26 से सफैद आब (बांडीपोर), धैनो से पाप्रीया (बटोत), मल्ला से जोगवां (जम्मू), रिंग रोड श्रीनगर शहर और कटड़ा-धाड़म सेक्शन में सुरंग टी -6 से टी -12 तक विकास कार्यों के लिए वन भूमि इस्तेमाल व हस्तांतरण को मंजूरी दी है। 

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