उत्तर प्रदेशप्रदेश

भ्रष्टाचार के खिलाफ अब बड़ा कदम उठाएगी योगी आदित्यनाथ सरकार

गुंडाराज और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारा देकर सत्ता हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ सरकार अब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने जा रही है। कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई कर सरकार ने संकेत दिया है कि निकट भविष्य में कई बड़े लोग नपेंगे। सरकार के रुख पर सतर्कता अधिष्ठान समेत तमाम जांच एजेंसियों ने लंबित जांचों की फाइलों को फिर से खंगालना शुरू कर दिया है। 

सतर्कता अधिष्ठान में भ्रष्टाचार की 400 से ज्यादा जांचें लंबित हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने भ्रष्टाचार के कलंक को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था। अब 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सरकार खुद अपने वादों की कसौटी पर है। सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक पोर्टल लांच किया। अभी हाल में अर्थ संख्या विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर धन उगाही करने वाले निदेशक अशोक कुमार पवार की शिकायत पुख्ता होते ही मुख्यमंत्री ने उनके निलंबन का फरमान जारी कर दिया। उसके पहले जून में ही गोंडा और फतेहपुर जिले में खाद्यान्न वितरण और गेहूं खरीद में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर दोनों जिलों के डीएम समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया गया। फिर भी खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी की कई जिलों से शिकायत आ रही है। 

अब सरकार के निशाने पर थाना, तहसील और जिले से लेकर मुख्यालय स्तर के वे अफसर हैं जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। आम जनता को पीडि़त करने वालों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ साक्ष्य एकत्र हो रहे हैं। इतना ही नहीं इंटेलीजेंस मुख्यालय की भी निगाह भ्रष्ट अफसरों और उनकी कार्यशैली पर लगी है। बहुत जल्द शासन स्तर पर सतर्कता अधिष्ठान, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, एसआइटी और आर्थिक अनुसंधान अपराध शाखा जैसी जांच एजेंसियों की बैठक होने वाली है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद सपा-बसपा हुकूमत में हुए घपले-घोटालों की जो भी जांच चल रही है, उसमें भी तेजी आ गई है। सहकारिता विभाग में भर्तियों की जांच एसआइटी कर रही है। इसके आरोपियों पर जल्द कार्रवाई होगी।

भाजपा लोकसभा के चुनाव मैदान में जाने से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ बड़ी उपलब्धियां अपने खाते में दर्ज कराना चाहती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा और सरकार की समन्वय बैठकों में भी इस बात पर सहमति बनी कि कुछ बड़े भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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