10 जुलाई डेडलाइनः परखी जा रहीं पॉलीथिन पर प्रतिबंध की तैयारियां
उत्तर प्रदेश में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने वाला है। नगर विकास विभाग इसकी तैयारियों में लगा है। 10 जुलाई तक इस संबंध में समग्र आदेश जारी करने के निर्देश हैं। अभी पॉलीथिन पर प्रतिबंध के लिए अलग-अलग विभागों के आदेश होने के कारण भ्रम की स्थिति है। फिलहाल पचास माइक्रान तक के पॉलीथिन पर प्रतिबंध है। मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पांडेय ने इस बावत की जा रही तैयारियों को जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए।
15 जुलाई से पॉलीथिन पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी शहरों में 15 जुलाई से पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 50 माइक्रॉन तक की सभी प्रकार की पॉलीथिन बंद करने के लिए कहा है। इसी कड़ी में मुख्य सचिव ने शुक्रवार को नगर विकास विभाग की तैयारियों को परखा। इसमें पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए नगर विकास विभाग को एक विस्तृत आदेश जारी करने के लिए कहा गया है। इसके लिए 10 जुलाई तक की समय सीमा दी गई है।
प्लास्टिक थैलियों पर होगी रोक
अभी प्रदेश में नगर विकास विभाग का उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा अधिनियम-2000 लागू है। इसमें 20 माइक्रॉन तक की पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध है जबकि पर्यावरण विभाग की 22 दिसंबर, 2015 की अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में सभी प्रकार की प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध है। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तो 50 माइक्रॉन तक की पॉलीथिन प्रतिबंधित कर रखी हैं।
शासनादेश जल्द जारी होगा
एक समग्र शासनादेश जारी करने के निर्देश नगर विकास विभाग को दिए गए हैं। साथ ही इसमें उल्लंघन करने पर कार्रवाई का अधिकार नगर निकायों के साथ ही अन्य विभागों को भी देने के लिए कहा गया है। प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पॉलीथिन पर प्रतिबंध के लिए शासनादेश जल्द जारी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग प्लास्टिक के कप-प्लेट व गिलास पर भी प्रतिबंध लगाने जा रहा है।