भाजपा को रोकने की खातिर सभी राज्यों में चुनावी गठबंधन को तैयार बसपा
बहुजन समाज पार्टी ने अब भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ फ्रंट पर आने का फैसला कर लिया है। दूसरे दलों से गठबंधन के मामलों में अब तक शांत रही बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा व अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए अपने पत्ते खोल दिए हैं।
नई दिल्ली में कल बसपा के सभी प्रमुख नेताओं की बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पार्टी भाजपा को रोकने के लिए राज्यों में अन्य दलों से गठबंधन या समझौते की नीति पर अमल करेगी। मायावती की इस घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में भी उसका समाजवादी पार्टी से अब गठजोड़ तय माना जा रहा है। हालांकि, दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा फिलहाल आसान नहीं दिखाई दे रहा है।
बैठक में मायावती ने कहा जनहित, जनकल्याण व देशहित के मुद्दों पर भाजपा जनविरोधी निरंकुश पार्टी बनकर उभरी है, इसलिए उसे सत्ता से दूर रखना जरूरी हो गया है। इसके लिए ही अन्य दलों से गठबंधन की नीति पर अमल शुरू किया गया है। कर्नाटक में इसके अच्छे परिणाम निकले हैं। इससे पहले हरियाणा में भी बसपा-इंडियन नेशनल लोकदल गठबंधन तेजी से राजनीतिक पैठ बना रहा है, जिससे भाजपा काफी परेशान है। हालांकि, मायावती ने कहा कि गठबंधन तभी करेंगे जब सीटों के बटवारे में पार्टी की सम्मानजनक स्थिति रहेगी। भविष्य में मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से समझौते के संकेत देते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि सभी जगह सीटों के सम्मानजनक बटवारे पर ही सब कुछ निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में भाजपा सरकार के खिलाफ बसपा को कारगर रणनीति बनानी है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा पार्टी नेतृत्व इसके लिए देश के व्यापक राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक भविष्य को ध्यान में रखकर फैसले करेगा। किसी दल से समझौते का जब मामला परिपक्व होगा तो इसकी सार्वजनिक घोषणा की जाएगी।
अनुशासनहीनता माना जाएगा किसी का गठबंधन पर बोलना
बसपा प्रमुख ने पाटी के चुनावी गठबंधन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सभी पदाधिकारियों को चुप्पी साधने की भी ताकीद की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी स्तर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की किसी भी प्रकार की टिप्पणी को अनुशासनहीनता माना जायेगा। पार्टी हाईकमान ही इस बारे में अंतिम फैसला करेगा।
संयम बरतने की सलाह
पार्टी नेताओं की बैठक में मायावती भाजपा पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा इस दल ने राजनीतिक वातावरण काफी खराब कर दिया है और राजनीतिक द्वेष व लांछन वाली राजनीतिक पर उतारू हैं। इसके बाद भी पार्टी के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपना संयम व धैर्य बनाए रखें। सेना की तरह अनुशासन से बंधे रहना ही बसपा की पहचान है और इसके जरिए ही बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पाया जा सकता है। बसपा का संकल्प ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ में निहित है जो बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की संवैधानिक सोच पर आधारित है।