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शैलजा हत्याकांड में मिले अहम सबूत, डायरी खोलेगी निखिल की पर्सनैलिटी का रहस्य

पिछले महीने 23 जून को दिल्ली में हुई मेजर अमित द्विवेदी की पत्‍‌नी शैलजा द्विवेदी की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस को एक महीने बाद ही सही बड़ी कामयाबी मिलती दिखाई दे रही है। दिल्ली के इस सनसनीखेज हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को एक और अहम सुराग हाथ लगा है। यह सुराग पुलिस को असम के दीमापुर स्थित आर्मी कैंटोनमेंट एरिया में बने उस मकान में मिला जहां पर आरोपी मेजर निखिल हांडा साल 2015 से रह रहा था। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम ने छापे के दौरान यहां से पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क के अलावा एक डायरी भी बरामद की है। अब बताया जा रहा है कि डायरी से कुछ और अहम सबूत पुलिस के हाथ लग सकते हैं, जिससे आरोपी निखिल हांडा को सजा दिलाने में सहायता मिलेगी।

हार्ड डिस्क से खुल सकते हैं अहम राज

जांच में जुटी टीम के सूत्रों ने बताया है कि शैलजा हत्याकांड में हार्ड डिस्क से कुछ और अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। सबूत तलाशने के कड़ी में पुलिस ने हार्ड डिस्क को जांच के लिए लैब में भेजा है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आरोपी निखिला हांडा पर शिकंजा कसा जा सकेगा।

डायरी बताएगी, शैलजा से क्या चाहता था मेजर निखिल हांडा

हत्यारोपी मेजर निखिल हांडा तथाकथित प्रेमिका शैलजा द्विवेदी से शादी करना भी चाहता था या नहीं? इसको लेकर पुलिस पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है। अब पुलिस को दीमापुर में जांच के दौरान एक डायरी हाथ लगी है। पुलिस की मानें तो यह डायरी इस जांच में हमारी मदद करेगी। पहले कहा जा रहा था कि डायरी मेजर हांडा की पत्नी ने लिखी है, लेकिन पुलिस इसे सिरे से खारिज कर रही है। पुलिस का मानना है कि यह डायरी निखिल की ही है और इसमें लिखी बातें सबूत के तौर पर कोर्ट में रखी जाएंगी।

डायरी बता रही ‘अधूरा था’ निखिल हांडा

पुलिस के एक अधिकारी की मानें तो निखिल हांडा की डायरी से पता चला है कि वह शादीशुदा जिंदगी से ज्यादा खुश नहीं था। वह निराश, उदास, बीमार और अकेलेपन का शिकार लग रहा है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द चार्जशीट फाइल करने की तैयारी की जा रही है।

निखिल के फेसबुक पर कई फेक अकाउंट थेः दिल्ली पुलिस

वहीं, पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि अब तक की गई पूछताछ में यह पता चला है कि आरोपित मेजर के फेसबुक पर कई अकाउंट थे, लेकिन इनमें आरोपित अपना सही प्रोफाइल नहीं डालता था। इन अकाउंट के माध्यम से वह कई महिलाओं के संपर्क में था। वह ये अकाउंट कुछ ही दिनों के बाद डिलीट कर देता था।  

 

…इसलिए शक के घेरे में आया था निखिल हांडा

मेजर निखिल हांडा फिलहाल, सलाखों के पीछे हैं। उन पर अपने मेजर दोस्त की पत्नी शैलजा की हत्या का आरोप है। शैलजा की लाश मिलने के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू कि तो पहला शक मेजर हांडा पर ही गया। फिर पुलिस ने थोड़ी सी जांच की तो खुलासा हो गया कि हो न हो मेजर का कुछ तो संबंध है। आज प्राथमिक जांच के बाद मेजर सलाखों के पीछे है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि पुलिस को मेजर पर शक हुआ और कैसे वो पकड़ा गया। इसके लिए आपको बताते हैं उस दिन का हाल जब शैलजा का कत्ल हुआ।

उस दिन दिल्ली आने से पहले मेजर हांडा ने पहले ही हत्या का प्लान बना लिया था। इससे पहले मेजर हांडा को पता चला था कि पैर की चोट की वजह से शैलजा दिल्ली के आर्मी बेस हॉस्पिटल में इलाज करवा रही हैं। हांडा ने भी माइग्रेन की शिकायत लेकर अस्पताल में खुद को एडमिट करा लिया। शैलजा और निखिल दोनों अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए थे। शैलजा फिजियोथैरेपी कराने अस्पताल जाती थी। हांडा ने अब अपने बेटे को उसी अस्पताल में भर्ती करा दिया।

 

कत्ल की सुबह यानि 23 जून को हांडा ने सुबह 8.30 बजे शैलजा को फोन किया। शैलजा फिजियोथैरेपी कराने के लिए 10.30 बजे हॉस्पिटल पहुंची। यहां हांडा पहले से ही कार लेकर मौजूद था। शैलजा ने अपने ड्राइवर को जाने के लिए कह दिया। वह हांडा की कार में बैठी और उसके साथ चली गई।

कार में सफर के दौरान हांडा ने शैलजा को अफेयर जारी रखने को कहा। इस पर शैलजा ने इनकार कर दिया। इसके बाद मेजर हांडा ने कत्ल के प्लान को अंजाम देने की सोची। उसने स्विस नाइफ निकाली और शैलजा का गला रेत दिया। इसके बाद हांडा ने शैलजा को दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास सड़क पर फेंक दिया। इस हत्या को हादसा बनाने के लिए उसने शैलजा के चेहरे को कई बार गाड़ी से रौंदा और फिर मौके से फरार हो गया।

हांडा को लगा था कि चेहरा कुचलने से गला रेतने के सबूत मिट जाएंगे और यह हादसा मान लिया जाएगा। अस्पताल को लेकर उसने सोचा कि पुलिस पूछेगी तो वो कह देगा कि बेटा भर्ती है, लेकिन उसके मंसूबे धरे के धरे रह गए।

पुलिस शैलजा की लाश लेकर गई। उधर, मेजर पति शैलजा को तलाशते पुलिस स्टेशन पहुंचे और गायब बीवी की लाश की शिनाख्त कर ली। पति ने मेजर हांडा पर शक जताया। पुलिस ने शैलजा की कॉल डिटेल निकाली तो उसमें आखिरी कॉल मेजर हांडा ने की। इसके बाद हांडा का फोन स्विच ऑफ निकला।

सीसीटीवी में हांडा अस्पताल में शैलजा के साथ जाते दिख गया। पुलिस ने हांडा के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था। जैसे ही मेजर हांडा की लोकेशन मेरठ में मिली, वो पुलिस की गिरफ्त में आ गया जिसके बाद कत्ल की गुत्थी सुलझ गई।

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