उत्तर प्रदेश

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का चिकित्सा विज्ञान संस्थान बन गया एम्स, करोड़ों मरीजों को फायदा

वाराणसी । बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) का चिकित्सा विज्ञान संस्थान शनिवार को आधिकारिक रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन हो गया। इसके लिए बीएचयू के केएन उडप्पा सभागार में केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच समझौता पत्र हस्तांतरित किए गए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एलान किया कि अब बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल व ट्रामा सेंटर को एम्स जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इससे पूर्वांचल, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिसा सहित कई राज्यों की करीब 20 करोड़ आबादी को मुफ्त इलाज मिलेगा। साथ ही चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर शोध एवं शिक्षा का विस्तार होगा, इससे देश को बेहतर चिकित्सक मिलेंगे।

बीएचयू का ही हिस्सा रहेगा चिकित्सा विज्ञान संस्थान : जावड़ेकर
सभागार को संबोधित करते हुए मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आइएमएस को एम्स के बराबर सारी सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन यह बीएचयू का ही हिस्सा रहेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि एम्स के समान सुविधाएं मिलने से यहां पर बेड बढ़ेंगे, छात्र-छात्राओं की सीटें बढ़ेंगी, स्टाफ की सुविधाएं बढ़ेंगी, उपचार एवं जांच के उपकरण बढ़ेंगे, उच्च कोटि के शोध होंगे। कहा कि अब से आइएमएस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की सारी शर्तें लागू होंगी। मंत्रालय ही अब सारा खर्च उठाएगा, कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने आइएमएस एवं एम्स के अंतर को भी विस्तार से बताया। 

एमओयू हस्तांतरण पर यह मंचासीन
-मनोज सिन्हा, केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
-अनुप्रिया पटेल व अश्विनी चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री
-डा. महेंद्र पांडेय, सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
-आशुतोष टंडन, चिकित्सा एवं तकनीक शिक्षा मंत्री (उत्तर प्रदेश)
-प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स नई दिल्ली

500 करोड़ हो जाएगा फंड 
मौजूदा सयम में अस्पतालों को प्रति बेड दो लाख रुपये के हिसाब से करीब 30 करोड़ रुपये ही फंड मिलता है, आइएमएस एम्स के समान हो जाएगा तो यहां के बेड 2500 हो जाएंगे वहीं फंड भी प्रति बेड 20 लाख रुपये मिलने लगेंगे। सर सुंदरलाल अस्पताल व ट्रामा सेंटर का फंड करीब 500 करोड़ रुपये हो जाएगा। इतनी धन वर्षा होने के बाद यहां के सभी मरीजों को मुफ्त में इलाज मिलने लगेगा।

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