Main Slideउत्तर प्रदेशप्रदेश

लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए BJP ने हर जिले से मांगे सौ कार्यकर्ताओं के नाम

लखनऊ। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजनीतिक दलों में जातियों को सहेजने की होड़ लग गई है। भाजपा इसमें सबसे आगे है। संगठन से लेकर सरकार तक जातीय समीकरण दुरुस्त किये जा रहे हैं लेकिन, प्रमुख विपक्षी दलों के साथ ही छोटे दल और जातीय क्षत्रपों ने भी अपनी गोटियां बिछानी शुरू कर दी है। इस बीच भाजपा ने हर जिले से सौ कार्यकर्ताओं के नाम मांगे हैं, जिन्हें जिले से लेकर प्रदेश तक महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर समायोजित किया जाना है।

भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अगड़ों, पिछड़ों और दलितों को सहेजने के लिए मुहिम शुरू कर दी है। बूथ स्तर पर बनाई जा रही समितियों में सामाजिक संतुलन साधने का नारा देकर भाजपा उस बूथ की सर्वाधिक आबादी वाली जातियों को प्रतिनिधित्व दे रही है। इसके साथ ही संगठन की ऊपर की इकाई में भी मंडल, जिला, क्षेत्र और प्रदेश तथा फ्रंटल संगठनों में भी इसी क्रम से समायोजन हुआ है। विभिन्न आयोगों में दलितों और पिछड़ों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर है जबकि निकायों में पार्षद नामित करने के लिए भी संगठन से नाम मांगे गये हैं। भाजपा यह समीकरण साधने में सभी दलों से आगे है।

सबसे खास बात यह है कि हर जिले से सौ-सौ सक्रिय कार्यकर्ताओं के नाम मांगे गये हैं। शर्त भी लगाई गयी है कि जो भी नाम भेजे जाएं उन पर समन्वय समिति का बहुमत हो। इसके लिए जिलों में समन्वय समिति की बैठकों में नामों पर चर्चा भी शुरू हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने सभी वर्गों के साथ अलग-अलग बैठकें भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सभी समाज के प्रमुख नेता और विधायक मिल रहे हैं और उनके लिए योजनाएं भी शुरू की जा रही हैं। बानगी के तौर प्रजापति समाज के लिए माटी कला बोर्ड का गठन तो विश्वकर्मा समाज के लिए भी योजना लागू की गई हैं। भाजपा का सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने कुर्मी, पटेल, सैंथवार आदि जातियों को सहेजने में सक्रिय है।

विपक्षी दल भी जमीन तैयार करने में जुटे

उधर, दूसरे दल भी अपनी जमीन तैयार करने में जुट गये हैं। कांग्रेस ने पूर्व सांसद पीएल पुनिया को आगे कर दलितों तथा पूर्व सांसद राजाराम पाल को आगे कर पिछड़ों को साधने की मुहिम तेज की है। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अपने फ्रंटल संगठनों को तेज किया है।

जातीय क्षत्रपों से भी संपर्क बढ़ा है। उप चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने निषाद पार्टी के डॉ. संजय निषाद और पीस पार्टी के डॉ. अयूब से गठबंधन करने के साथ ही निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट और मुसलमानों के बीच पकड़ मजबूत की जबकि प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के प्रेमचंद बिंद भी उनके समर्थन में खड़े रहे। भाजपा के लिए लगातार चुनौती बन रहे राजग गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर भी सपा की नजर टिकी है। बसपा भाईचारा कमेटियों के जरिये हर बिरादरी में मजबूत पकड़ बनाने में लगी है। इस बीच एससीएसटी एक्ट और पदोन्नति में आरक्षण जैसे मसलों को लेकर भी सियासी दलों में रार छिड़ी है।

प्रजापति समाज के सम्मेलन में आज शामिल होंगे योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को प्रजापति समाज के सम्मेलन में शामिल होंगे। यह सम्मेलन लोकनिर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में एक बजे से आयोजित है। कैबिनेट की बैठक के बाद योगी इस सम्मेलन में जाएंगे। योगी शाम चार बजे लखनऊ में ही होमगार्ड मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह शास्त्री भवन में कई बैठकें करेंगे।

Related Articles

Back to top button