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#बड़ा फैसला: जमीन अधिग्रहण के दौरान खड़ी फसल को नहीं काटेगी सरकार

किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए उनकी तैयार फसल अब बर्बाद नहीं की जायेगी। निर्माण कार्य और हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहित करते वक्त खड़ी फसल काट दी जाती थी जिससे किसानों को काफी नुकसान होता था। लेकिन सरकार ने तय किया है कि जब तक फसल कट ना जाये तब तक जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव यासिन मलिक ने कहा है कि प्राधिकरणों से इस बारे में चर्चा की गई है।

सचिव यासिन मलिक ने बताया कि अधिग्रहण के दौरान किसानों की फसल को नष्ट करने का मुआवजा भी देना पड़ता है और ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ‘हम अधिग्रहण की समय सीमा को कुछ समय के लिए बढ़ा कर फसलों के कटने तक इंतजार करें तो सरकार और किसान दोनों को फायदा मिलेगा। अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल और त्वरित करने के लिए मंत्रालय ने ऑनलाइन इंटिग्रेटेड प्रणाली ‘ भूमिराशि’ और पब्लिक फिनांस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) की मदद लेने का फैसला किया है। भूमिराशि पोर्टल पर अधिग्रहण वाली जमीनों की जानकारी इकट्ठी की जायेगी और पब्लिक फिनांस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से मुआवजा के बारे में सही आंकलन किया जायेगा।

इसके अलावा नोटिफिकेशन का वक्त घटा कर 8 से 10 दिन का कर दिया गया है जबकि पहले इसमें तीन महीने से ज्यादा लग जाते थे। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि साल 2017-2018 में एक हजार नोटिफिकेशन आये थे जबकि सिर्फ इसी साल अप्रैल से जुलाई तक में पिछले साल के मुकाबले में नौ सौ से ज्यादा नोटिफिकेशन आये हैं। यानि चार महीने में ही काफी ज्यादा जानकारी पोर्टल और पब्लिक फिनांस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के तहत सरकार के पास पहुंच चुकी है।

उड़ीसा, पंजाब, सिक्किम और पुडुचेरी जैसे राज्य भी अधिग्रहण के लिए इसी प्रणाली को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। रक्षा, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और भारतीय खाद्य निगम भी इस नई प्रणाली के तहत जमीन अधिग्रहित करने को इच्छुक हैं। जिससे फसल का नुकसान कम से कम हो। 

खास बात ये है कि भूमिराशि के पास देश के 6.55 लाख गांवों की जमीन का लेखा-जोखा है जो जमीन से जुड़ी जानकारी का सबसे बड़ा डेटा बैंक है। जाहिर है इस डेटा बैंक के जरिए जमीन से जुड़ी हर जानकारी सरकार को अधिग्रहण में मदद करेगी और किसानो को जमीन देने की स्थिति में खड़ी फसल का नुकसान नहीं होगा।

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