विदेश

खालिस्तान की मांग को लेकर लंदन में अलगाववादियों ने की रैली

पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान बनाने की मांग को लेकर सिख समुदाय से जुड़े अलगाववादी समूह रविवार को लंदन में बड़े स्तर पर रैली कर रहा है. इन लोगों ने लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर पर ‘राइट टू सेल्फ-डिटरमिनेशन’ की आवाज़ बुलंद करने के लिए ये रैली बुलाई है. इसके तहत ‘आजाद पंजाब’ के लिए ये लोग ‘रेफरेंडम 2020’ यानी जनमत संग्रह की मांग कर रहे हैं. वहीं, इस रैली के विरोध में भारतीय अधिकारियों ने ‘वी स्टैंड विद इंडिया’ के बैनर तले ‘स्वतंत्रता दिवस समारोह’ मनाने का ऐलान किया है.

‘रेफरेंडम 2020’ को लेकर इंग्लैंड में रविवार को प्रस्तावित कट्टरपंथियों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है. पुलिस का कहना है कि पंजाब में इसका असर नहीं है, लेकिन ऐहतियातन सुरक्षा की कड़ी व्‍यवस्‍था की गई है.एसजेएफ के मुताबिक, इस रैली में शामिल होने के लिए सिख समुदाय के लोग दुनियाभर से लंदन पहुंच रहे हैं. खासकर ब्रिटेन के सिख बड़ी संख्या में रैली में शामिल हो रहे हैं. भारत सरकार ने इस रैली का कड़ा विरोध किया है. सरकार ने लंदन में प्रदर्शन कर रहे इन लोगों को ‘अलगाववादी’ करार दिया है.

वहीं, ये रैली ब्रिटेन में भारतीय अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है. कुछ सिख खालिस्तानी संगठनों ने भी इस पर शक जाहिर करते हुए इस रैली से किनारा कर लिया है. सोशल मीडिया पर सिख समुदाय के कई लोगों ने इस रैली का विरोध करते हुए सिखों और भारतीय लोगों के खिलाफ तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है.

बहरहाल, दोनों ही ग्रुप की ओर से हजारों लोगों के ट्रैफलगर स्क्वायर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि ब्रिटेन ने कहा है कि वह किसी भी ग्रुप को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने से नहीं रोकेगा. विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘हमने चुनिंदा मिशनों को लंदन के आयोजन के संदर्भ में घटनाक्रम पर निगरानी रखने के लिए कहा है.’

क्या है लंदन डिक्लरेशन?

‘लंदन डिक्लरेशन’ को 1949 में तत्कालीन कॉमनवेल्थ प्रधानमंत्री ने कॉमनवेल्थ कॉन्फ्रेंस में जारी किया था. पहले ब्रिटेन को कॉमनवेल्थ के सारे देशों के शासक होने का दर्जा हासिल था, लेकिन ‘लंदन डिक्लरेशन’ से चीजें बदल गईं. भारत के संदर्भ में देखें तो 1947 में आज़ादी के बाद भारत ने खुद को एक गणराज्य घोषित कर दिया, लेकिन आज़ादी के बाद भी भारत ने कॉमनवेल्थ का एक सदस्य बने रहना जारी रखा. लंदन डिक्लरेशन के तहत कॉमनवेल्थ ने भारत के इस फैसले को अपनी मंजूरी दी. अब इसी ‘लंदन डिक्लरेशन’ का हवाला देकर ये अलगाववादी समूह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

Related Articles

Back to top button