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उत्तराखंड: बर्ड फ्लू की आशंका के कारण पशुपालन और वन विभाग उठ रहे एहतियाती कदम

बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए प्रशासन के निर्देश के बाद पशुपालन और वन विभाग अपने-अपने स्तर पर एहतियाती कदम उठा रहे हैं। पशुपालन विभाग की ओर से पोल्ट्री फार्म से मुर्गों की रैंडम सैंपलिंग शुरू कर दी गई है, जबकि वन विभाग भी कौए और अन्य पक्षियों के सैंपल जांच को भेज रहा है। हालांकि, अभी तक उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन रोकथाम और बचाव के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है।

मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी एसबी पांडे ने बताया कि देहरादून में मुर्गों की रैंडम सैंपलिंग की जा रही है। पहले दिन सहसपुर ब्लॉक के तहत आने वाले पोल्ट्री फार्म से सैंपल कलेक्ट किए गए। विभाग ने 35 सैंपल लेकर जांच को भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) बरेली भेजा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से उन्हें जनपद के अलग-अलग पोल्ट्री फार्म से कुल 94 सैंपल कलेक्ट करने के निर्देश हैं।

जिंदा मुर्गों के यह सैंपल एहतियात के रूप में लिए जा रहे हैं। ताकि यदि बर्ड फ्लू की मौजूदगी की जरा भी आशंका हो तो उसे स्पष्ट किया जा सके और रोकथाम के प्रयास किए जा सकें। देहरादून में 500 से 40 हजार मुर्गों वाले करीब 80 पोल्ट्री फार्म हैं। जिनमें से ज्यादातर सहसपुर, रायपुर और डोईवाला में स्थित हैं। हालांकि, अभी किसी भी पोल्ट्री फार्म में मुर्गों की मौत का कोई मामला नहीं आया है। उधर, वन विभाग की ओर से कौओं के सैंपल भी जांच को भेजे गए हैं।

रायवाला जंक्शन के पास मृत मिले कौए और बगुले

शनिवार को रायवाला जंक्शन के पास मृत मिले कुछ कौओं और बगुलों को राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम ने कब्जे में लिया। श्यामपुर पशु चिकित्सालय से आए डॉ. रमेश यादव ने पक्षियों के नमूने एकत्र किए। मोतीचूर के रेंज अधिकारी महेंद्र गिरी गोश्वामी ने बताया कि पशुपालन विभाग की मदद से पक्षियों के सैंपल जांच को भेजे गए हैं। रायवाला कैंट में भी पक्षियों की संदिग्ध मौत की सूचना है। इधर, डोईवाला के चांदमारी में भी कुछ कौए मृत पाए गए। दून में भी वन विभाग की टीम ने मृत कौओं के सैंपल जांच को भोपाल भेज दिए हैं।

बर्ड फ्लू को लेकर वन कर्मियों को दिया प्रशिक्षण

बर्ड फ्लू की आशंका के चलते वन विभाग भी सक्रिय है। वेटलैंड और झीलों पर सघन निगरानी के साथ ही अब कार्मिकों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। शनिवार को पशुपालन विभाग की टीम ने वन कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। प्रभागीय वन अधिकारी कार्यालय में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रभाग के तमाम रेंजर और रेस्क्यू टीम को तकनीकी अभ्यास कराया गया। पशुपालन विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग के चिकित्सक भी इसमें शामिल रहे। प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान ने बताया कि कार्मिकों को हर परिस्थिति के लिए तैयार किया जा रहा है।

पक्षियों की मौत पर शव को संरक्षित कर सैंपल कलेक्ट करने और खुद को सुरक्षित रखने आदि की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। जल्द ही कालसी और चकराता में भी कार्मिकों को प्रशिक्षित करने की तैयारी है। जिसके लिए कालसी के प्रभागीय वनाधिकारी से बात की जा रही है। इधर, रेंजर और अन्य कर्मियों को पीपीई किट, मास्क, दस्ताने और सैंपल कलेक्शन बॉक्स भी प्रदान किए गए। डीएफओ ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों से कौओं की मौत की सूचनाएं मिल रही हैं, लेकिन अभी तक कहीं एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में मौत नहीं हुई है।

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