उत्तराखंडप्रदेश

हरिद्वार: युवाओं ने थामी हर बच्चे को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की कमान

सरकारी स्कूलों में सुविधा और शिक्षा को बेहतर करते हुए हर वर्ग के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का जिम्मा हरिद्वार के कुछ युवाओं ने उठाया है।

ये युवा विभिन्न संगठनों की सहायता और निजी स्तर पर धन एकत्रित कर सरकारी स्कूलों को विभिन्न सुविधाओं से सुसज्जित कर रहे हैं। इन युवाओं की मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि एक सरकारी स्कूल में फर्नीचर, अध्यापक उपलब्ध हो पाए हैं। जबकि दो स्कूलों में एक साल बाद बिजली सप्लाई सुचारू कराई गई है। 
 
 कई सरकारी योजनाओं और वादों के बाद भी आज सैंकड़ों स्कूल सुविधाओं से वंचित हैं। इसलिए बच्चों को सही मायने में शिक्षा नहीं मिल पाती है। वहीं, शिक्षा के क्षेत्र में फैली अनियमितता के कारण सरकारी स्कूल खंडरों में तब्दील होते जा रहे हैं, जिससे निम्न वर्ग के लिए बच्चों को शिक्षा मुहैया कराना एक चुनौती बन गई है। लेकिन दीपक प्रजापति पुत्र रोशन लाल प्रजापति निवासी मुख्या गली ने बच्चों को उनके अधिकार की शिक्षा दिलाने का जिम्मा उठाया और एक संगठन और अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर शिक्षा क्षेत्र के क्षेत्र में अलख जलाने में जुट गए हैं।

दीपक प्रजापति ने बताया कि एक सरकारी स्कूल में व्यवस्थाओं की बदहाली को देखने के बाद उन्होंने इन बच्चों के लिए कुछ करने की ठानी। शुरुआत में अपने स्तर से ही बच्चों को थोड़ी बहुत सहायता कर दिया करते थे, लेकिन धन के अभाव में इनती बड़ी जिम्मेदारी को निभाना उन्हें असंभव सा लगने लगा। फिर भी हिम्मत हारे बिना उन्होंने मनोद निषाद सहित कुछ अन्य लोगों को अपने साथ जोड़ा और पैसा जुटाकर बच्चों की पढ़ाई में सहायता करने लगे।

वर्ष 2014 में दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने हरिद्वार में ही अपना गारमेंट्स का व्यापार शुरू किया। इसके बाद राजकीय प्राथमिक विद्यालय को सुविधायुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। संगठन और अपने साथियों के सहयोग से भूपतवाला स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-44 में बच्चों को पढ़ाने के लिए ह्वाइट बोर्ड, कंप्यूटर और फर्नीचर उपलब्ध कराए। बच्चों का हौसला अफजाई करने के लिए समय समय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जाने लगा। सुविधायुक्त होने के बाद निजी स्कूल के करीब 20 छात्रों ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-44 में दाखिला लिया।

धीरे धीरे अन्य राज्यों के जानकारों ने भी इस कार्य में उनका सहयोग करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 43 को सुविधायुक्त बनाया। संस्था की ओर से राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-26 में एक शिक्षक की तैनाती की गई है। इस शिक्षक को वेतन भी संस्था ही देती है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-44 और राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-26 में एक वर्ष से बिजली नहीं थी। एक साल बाद विद्यालय में बिजली आपूर्ति सुचारू कराई।

सभी का शिक्षा दिलाने है उद्देश्य 
दीपक प्रजापति ने अमर उजाला से वार्ता के दौरान बताया कि शिक्षा बेहतर होने और सभी वर्ग को बेहतर शिक्षा मिलने से देश विकास की ओर बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों के शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में है, नंगे पैर जाते बच्चें नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। समान अधिकार शिक्षा प्रणाली के लिए प्रयास करना और गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने उनका उद्देश्य है। ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। 

ये लोग हैं टीम में शामिल 
दीपक प्रजापति द्वारा शुरू की गई मुहीम में सर्व सेवा संगठन के अध्यक्ष आशीष जैन, मनोज निषाद, योगिक वर्मा, शुभम नौटियाल, स्पर्श लखेड़ा, सचिन माहौर, गौरव उपाध्याय, नवीन गौर आदि शामिल हैं।  

हर छह माह में लेंगे बच्चों की परीक्षा 
दीपक प्रजापति ने बताया कि स्कूलों में सुविधा प्रदान करने के लिए उन्होंने अध्यापकों को बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा है। बच्चों की प्रोगरेस को जानने के लिए उनकी टीम द्वारा हर छह माह में बच्चों की अलग से एक परीक्षा ली जाएगी। प्रथम व द्वितीय आने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया जाएगा।

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