एचआईवी-एड्स पीड़ित के साथ किया यह व्यवहार तो जाएंगे जेल, सरकार ने जारी की अधिसूचना
एचआईवी-एड्स पीड़ित मरीजों के साथ भेदभाव करने पर अब सजा मिलेगी और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। ऐसा करने पर तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा एक लाख रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 2017 की अधिसूचना जारी कर दी।
2014 में कैबिनेट से मंजूर हुआ यह बिल पिछले साल अप्रैल में ही संसद में पारित हो चुका था। लेकिन इसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई थी। अधिसूचना जारी करने में हो रही देरी को लेकर पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्रालय को फटकार लगाई थी।
एचआईवी और एड्स अधिनियम 2017 को राज्यसभा ने पिछले साल 21 मार्च को जबकि लोकसभा ने 11 अप्रैल को मंजूरी दे दी थी। इस कानून के मुताबिक एचआईवी-एड्स पीड़ितों का मुफ्त इलाज करना अनिवार्य होगा।
एचआईवी-एड्स मरीजों के साथ नौकरी, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य क्षेत्र, किराये पर मकान देने, निजी और सरकारी कार्यालय, स्वास्थ्य के क्षेत्र के इंश्योरेंस में यदि किसी तरह का भेदभाव किया गया तो उनके खिलाफ सजा और जुर्माने का प्रावधान है।