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अखिलेश यादव: योगी आदित्यनाथ तो गाना भी नहीं सुनते घूमने क्या जाएंगे

कैराना लोकसभा तथा नूरपुर विधानसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष की जीत के बाद से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भाजपा के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोल रहे हैं। लखनऊ में आज ललित कला अकादमी में एक प्रदर्शन का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बेहद नीरस बताया।

उन्होंने कहा कि लखनऊ के साथ ही प्रदेश के कई शहरों में हमने पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कई केंद्र विकसित किए थे। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी जांच करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ को यह सभी स्थल अच्छे नहीं लग रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि गलती उनकी नहीं है, वह तो गाना भी नही सुनते हैं तो उनको भला घूमने वाली जगह कैसे अच्छी लगने लगेगी। हमने रिवर फ्रंट युवाओं के लिए बनाया था। ताकि लोग घूम सकें। वे (योगी आदित्यनाथ) तो गाने भी नहीं सुनते घूमने क्या जाएंगे। रोमियो की कहानी जानते तो स्क्वायड को रोमियो नाम न देते।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार कला की कद्र करती थी। हमने अपने समय में जिन कलाकारों का सम्मान किया वह बहुत आगे पहुंचे। हमने यशभारती से सम्मानित विभूतियों को पेंशन दिया। इस सरकार ने वह भी छीन लिया। लोग मुझे शांत समझते हैं। मैं कहता हूं कलाकार व चित्रकार से ज्यादा शांत कोई नहीं हो सकता। यहां तो कलाकारों ने तो यहां अपनी कला दिखा दी। हम अपनी कला 22 में दिखाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे मौका मिला तो फिर कलाकारों को सम्मान देंगे। प्रख्यात गायिका जरीना बेगम के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। समाजवादियों ने अंतिम समय में उनकी मदद की। उन्होंने कहा कि कलाकार समाज का असली दर्पण होता है। कलाकार अपनी कला में वो दिखता है जो कहीं नहीं दिखता है। जिन देशों ने कला और कलाकारों को सम्मान दिया, वो देश आज बहुत आगे निकल चुके हैं। इन कलाकारों की कला अभी दिख रही हमारी कला 2022 में दिखेगी।

उन्होंने कहा कि मैं आज गोमती रिवर फ्रंट गया था। सरकार ने लोगों ने उसे बहुत बदहाल कर दिया है। हमने तो नदी के किनारे पेड़ लगाए थे, लेकिन उसकी रखवाली भी नहीं सके यह लोग। उन्होंने आज फिर दोहराया कि जब तक घर नहीं बन जाता तब तक गेस्ट हाउस या सरकारी आवास में ही रहूंगा। बच्चों की छुट्टियां चल रही हैं लेकिन उन्हें छुट्टी का माहौल नहीं मिल पा रहा है। कोर्ट का आदेश था, पालन तो करना ही था। हमारा गांव सैफई है, लेकिन जब से लखनऊ आया तब से यही मेरा शहर लगता है।

समाजवादी लोग कला को बचाने का काम करेंगे। हमने मेट्रो का उद्घोषण उर्दू में कराने का फैसला लिया था। नदी का किनारा हमने अच्छा बनाया था, आज सुबह गया था तो देखा कि सरकार के लोगों ने उसे बर्बाद कर दिया है। लखनऊ जैसा शहर देश में नहीं जहां कल्चर, फूड, व्यवहार भाषा जाति धर्म के लोग एक साथ रहते हैं। लखनऊ प्यार का शहर, एक दूसरे का सम्मान करने वाला शहर है।

अखिलेश यादव ने कहा कि अक्सर लोग किराए के घर से जाते हैं तो गमले भी ले जाते हैं। कम से कम कुछ अपने साथ ले गए, वो सरकार के पेड़ नहीं हमारे पेड़ हैं। हमने तो नदी किनारे जगह दी थी लेकिन भाजपा ने तो रोमियो स्क्वायड बना दिया। मोहम्मद रफी क्या थे, उनके पिता साधारण आदमी थे, शेविंग करते थे, सैलून था उनका। फिर भी मोहम्मद रफी एक बड़े कलाकार बने और दुनिया भर में अपनी और देश की एक खास पहचान बनाई।

उन्होंने कहा कि इस सरकार के लोग तो शिलान्यास का दोबारा शिलान्यास उद्घाटन का दोबारा उद्घाटन कर रहे हैं। इटावा की लायन सफारी कोई समाजवादी लोगों के लिए नहीं बनी, वह देश और प्रदेश का सम्मान बढ़ाने के लिए बनी है। लायन सफारी को देखने के लिए मध्य प्रदेश, बिहार और दूसरे राज्यों के लोग आ रहे हैं। भाजपा के लोग लोग कहते हैं कि हम ढोंग कर रहे हैं, राजनीति करने वाले वादा और वादाखिलाफी करते हैं। हम अगर सादगी करें तो वह भी उन्हें ढोंग लगता है।

यह कमाल के लोग हैं, झूठ बोलते हैं कि किसानों का कर्ज माफ, नौजवानों को नौकरी, महंगाई कम होने का झूठे वादे करते थे। किसानों का सवाल बहुत सीरियस है क्योंकि भाजपा के लोगों ने उनसे बहुत झूठ बोला। आय दोगुनी पैदावार बढ़ाने का किसानों से झूठ बोला इसीलिए किसान सड़क पर है। किसान को किसी चीज की कीमत नहीं मिल रही है क्योंकि जीएसटी से हर चीज महंगी हो गई है। भ्रष्टाचार से हर चीज महंगी हो गई है। किसानों की आय बढ़े, उनकी खुशहाली आए इसके लिए भाजपा को काम करना चाहिए। डिफेंस कॉरिडोर बना दें तो शायद बुंदेलखंड का भला हो जाए वह बनने वाला नहीं। 5 बजट खत्म हो चुके हैं स्टेट नहीं बनाता कॉरिडोर एक्सप्रेस वे के किनारे कंटोनमेंट बना दें। 

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