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कर्मक्षेत्र यूपी में मंगलवार लाई जा सकती हैं अटलजी की अस्थियां

अपने संसदीय क्षेत्र और कर्मभूमि लखनऊ से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गहरा नाता रहा है। उनके निधन के बाद से ही यहां शोक की लहर है। रविवार को यहां उनकी अस्थियां लायी जानी थीं लेकिन, अब मंगलवार को हरिद्वार से विशेष विमान से 20 अस्थि कलश आ सकते हैं। भाजपा संगठन और सरकार की ओर से अटल की स्मृतियों को भव्य रूप देने की तैयारी चल रही है जिसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में अटल की स्मृतियों से जुड़े कुछ अहम फैसले किये जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में मंगलवार को अस्थिकलश लाने का कार्यक्रम स्थगित कर इसे बुधवार को भी लाया जा सकता है। भाजपा ने अधिकृत तौर पर इसके लिए तारीख तय नहीं की है। लखनऊ लाये जाने के बाद प्रदेश के सभी 18 मंडलों के लिए अलग-अलग अस्थिकलश यात्राएं रवाना होंगी। अस्थियों को प्रमुख नदियों में प्रवाहित किया जाएगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। इसके लिए पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई है। अटलजी के प्रति उमड़ रही भावनाओं के ज्वार को एक बड़ा मंच देने की तैयारी की गई है। रविवार को हरिद्वार में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जानी थी इसलिए लखनऊ के आयोजन को टाल दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरिद्वार पहुंचे थे। अब अस्थि कलश लेने डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, संगठन के पदाधिकारी और राज्य सरकार के मंत्री जाएंगे।

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