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सेंट स्टीफन अस्पताल और दिल्ली सरकार के खिलाफ मरीज पहुंचे हाईकोर्ट, ये है वजह

आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तीन मरीजों ने सेंट स्टीफंस अस्पताल व दिल्ली सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन मरीजों का आरोप है कि अस्पताल ने उन्हें निशुल्क उपचार देने से मना किया। यह सरासर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।

पीड़ितों की ओर से एनजीओ सोशल ज्यूरिस्ट के वकील अशोक अग्रवाल ने यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया कि ब्रह्मपुरी सीलमपुरी निवासी किरण व सितांशो पेट दर्द तथा मौजपुर सीलमपुर निवासी नवाब मियां अपने गले का इलाज कराने 25 अगस्त को सेंट स्टीफंस अस्पताल गए थे लेकिन वहां पर बिना कोई जायज कारण बताए उनका निशुल्क इलाज करने से मना कर दिया गया।

याचिका में कहा गया कि यह अस्पताल सरकार से सस्ती दर पर मिली जमीन पर बना है और इसलिए गरीब तबके के लोगों का निशुल्क इलाज करना इसकी कानूनी जिम्मेदारी है। इस संबंध में हाईकोर्ट ने 2002 में सोशल ज्यूरिस्ट बनाम दिल्ली सरकार तथा भारत सरकार बनाम मूल चंद खैराती राम अस्पताल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दे रखा है। इसके मद्देनजर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के मरीजों का निशुल्क इलाज न करना अदालती आदेश की अवमानना है।

याचिका में दिल्ली सरकार तथा भूमि व विकास अधिकारी को भी पक्षकार बनाते हुए कहा गया कि अस्पताल के मनमाने रवैये की शिकायत इनसे की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा इनसे इस संबंध में जवाब मांगा जाए तथा पीड़ितों का निशुल्क इलाज करने का निर्देश अस्पताल को दिया जाए।

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