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आरोपों से घिरीं मंत्री नवजोत कौर बोलीं, ‘मैं घायलों की मदद कर रही थी’

दशहरे के दिन अमृतसर के पास शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोग ट्रेन की चपेट में आने से 60 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 72 अन्य घायल हो गए. मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि वहां पर चीफ गेस्ट बनकर आईं मंत्री नवजोत कौर सिद्धू हादसे के वक्त वहीं थीं लेकिन  दुर्घटना की खबर मिलते ही वो वहां से चली गईं. आरोपों से घिरीं नवजोत कौर ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि जानकारी मिलते ही वो अस्पताल आ गई थीं जहां वो घायलों की मदद कर रही थीं. 

इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें नवजोत कौर एक मरीज का इलाज कर रही हैं. बता दें कि नवजोत कौर पेशे से डॉक्टर हैं. कांग्रेस सेवादल के ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से भी इस वीडियो को शेयर किया गया है. दावा किया जा रहा है कि नवजौत कौर रेल हादसे में घायलों का इलाज करने अस्‍पताल में पहुंचीं. 

श्रीमती नवजोत कौर जी घायलों की देखभाल और इलाज करती हुई। श्रीमती नवजोत कौर ने ये भी कहा वह सारी रात आज हस्पताल में रहेंगी और पीड़ितों वो पीड़ित परिवार की मदद करती रहैगी।

क्यों लगे नवजोत कौर पर आरोप 
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रावण दहन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता डॉ. नवजोत कौर मंच पर मौजूद थीं लेकिन घटना की जानाकरी मिलते ही वो वहां से मिनकल गईं. वहीं कुछ लोग यह आरोप भी लगा रहे हैं कि नवजोत कौर के कार्यक्रम में देरी से पहुंचने की वजह से यह हादसा हुआ है. स्थानीय लोगों ने नवजोत कौर के खिलाफ नारेबाजी की और उनका इस्तीफा तक मांगा है. 

कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा 
रावण दहन के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल पटरियों की ओर बढ़ने लगे, जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आईं और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला. इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे. क्षत-विक्षत शव घंटों बाद भी घटनास्थल पर पड़े थे, क्योंकि नाराज लोग प्रशासन को शव हटाने नहीं दे रहे थे. कई शवों की पहचान भी नहीं हो सकी. 

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