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अमृतसर ट्रेन हादसे में एफआईआर दर्ज, किसी को आरोपी नहीं बनाया गया

अमृतसर रेल हादसे के बाद जीआरपी के थाना अमृतसर में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हालांकि इस एफआईआर में किसी को आरोपी नही बनाया गया है. घटना के बाद से मौके पर जीआरपी के एसएसपी दलजीत सिंह राणा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

एफआईआर में आईपीएस की धारा 304, 304ए, 337 और 338 के तहत केस दर्ज किया गया है. एफआईआर का नंबर 169 है. ये एफआईआर घटनास्थल के नज़दीक बनी पुलिस चौकी गोल्डेन एवेन्यू के एएसआई सतनाम सिंह के बयानों पर दर्ज हुई है.

उल्‍लेखनीय है कि पंजाब में अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से 60 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 70 से ज्‍यादा अन्य घायल हो गए. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे.

इससे पहले शुक्रवार रात तक अमृतसर के प्रथम उपमंडलीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने 58 लोगों की मौत की पुष्टि की थी. उन्होंने कहा था कि कम से कम 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है. अधिकारियों ने बताया कि रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उन्होंने बताया कि उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आईं और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला. उन्होंने बताया कि एक ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए.

इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे. क्षत-विक्षत शव घटना के घंटों बाद भी घटनास्थल पर पड़े थे क्योंकि नाराज लोग प्रशासन को शव हटाने नहीं दे रहे थे.

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