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बिहार: कोरोना की दूसरी और लू के बीच बाढ़ की आशंका, बचाव की तैयारियों में जुटी सरकार

पटना, कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर व गर्मी आते ही अगलगी व लू की आहट के बीच अब बिहार में बाढ़ की सालाना आशंका भी गहराती दिख रही है। जून में बाढ़ की आशंका को देखते हुए नीतीश कुमार की सरकार अभी से इससे बचाव की तैयारियों में जुट गई है। इस कड़ी में सबसे पहले बाढ़ग्रस्‍त 10 जिलों से बाढ़ आश्रय स्थलों का ब्योरा तलब किया गया है। भवन निर्माण विभाग ने संबंधित जिलों के भवन प्रमंडल से जुड़े कार्यपालक अभियंताओं को तीन दिनों की मोहलत देकर यह जानकारी तलब की है।

बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए जाने थे बाढ़ आश्रय स्थल

भवन निर्माण विभाग ने प्रत्येक वर्ष बाढ़ प्रभावित होने वाले अररिया, पूर्वी चंपारण, शिवहर, पूर्णिया, बेतिया, कटिहार, मधुबनी, किशनगंज, सीतामढ़ी और दरभंगा जिलों में 2018 में बाढ़ आश्रय स्थल बनाने की योजना स्वीकृत की थी। प्रत्येक जिले की 10-10 पंचायतों में ऐसे आश्रय स्थल बनाए जाने थे। कुछ जिलों में यह कार्य आज भी चल रहा है।

भवन निर्माण विभाग ने जिलों से मांगा निर्माण का ब्‍योरा

अब एक बार पुन: बाढ़ की आशंका है। इसे देखते हुए भवन निर्माण विभाग ने अब तक बनाए गए बाढ़ आश्रय स्थलों का ब्योरा जिलों के कार्यपालक अभियंताओं से तलब किया है। जिलों को भवन निर्माण विभाग की ओर से एक फार्मेट भी मुहैया कराया गया है। जानकारी उसी में मांगी गई है। कार्यपालक अभियंताओं को जिलावार पंचायत और उक्त पंचायत में बनाए गए आश्रय स्थल, अंचल का नाम, जमीन उपलब्धता की स्थिति, पूर्व में आवंटित राशि, अब तक खर्च हुई राशि, योजना की भौतिक स्थिति बताने को कहा गया है।

बाढ़ को ले तैयारियां शुरू, आगे होंगे राहत व बचाव कार्य

बाढ़ अभी दूर है, लेकिन इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी गईं हैं। बाढ़ आश्रय स्‍थलों का ब्‍योरा मांगा जाना इसी की कड़ी है। आगे राहत व बचाव कार्यों की भी तैयारियां की जानी हैं।

 

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